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Kargil Vijay Diwas 2023: योगेंद्र यादव ने सीने पर खाई 15 गोलियां,टाइगर हिल पर नहीं होने दिया पाक का कब्ज़ा


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नई दिल्ली – हर साल 26 जुलाई के दिन कारगिल विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. आज के दिन कारगिल में भारत और पाकिस्तान के बीच पूरे 60 दिनों तक चलने वाले युद्ध पर विराम लगा था और भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की थी. साल 1999 में पाकिस्तानी आतंकी और सैनिक चोरी-छिपे कारगिल (Kargil) की पहाड़ियों से देश में घुस आए थे और इन्हीं घुसपैठियों के खिलाफ भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया था.

परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव ही थे, जिन्होंने अपने अदम्य साहस के दम पर अकेले टाइगर हिल पर भारतीय सेना का कब्जा दिला दिया था. उस समय उनकी उम्र महज 19 साल की थी.1999 की गर्मियों में जब कारगिल की जंग शुरू हुई, उस समय योगेंद्र यादव सेना में अपनी ट्रेनिंग पूरी ही की थी. 18 ग्रेनेड्स के हिस्से के रूप में उन्हें टाइगर हिल को कब्जाने का जिम्मा सौंपा गया, जहां पाकिस्तानी सैनिक घुसपैठ करके जम चुके थे.

योगेंद्र यादव ने कहा, हम आगे बढ़ते रहे और पाकिस्तानी सेना का हमला बार-बार होता रहा. इस दौरान उनके एक-एक साथी उनकी आंखों के आगे शहीद होते रहे. वो भी घायल होकर बेहोश हो गए.

पाकिस्तानी सैनिक जमीन पर गिरे भारतीय जवानों पर गोलियां मार रहे थे. योगेंद्र यादव ने बताया कि जब वो गिरे थे तो उन्हें तीन बार गोलियां मारीं. बाजू की हड्डी निकलकर बाहर हो गई थी, पैर बुरी तरह घायल था, चल नहीं सकते थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी.

यादव को जब थोड़ा होश आया तो उन्होंने देखा कि कुछ पाकिस्तानी सैनिक अभी मौजूद थे. उन्होंने पास से एक ग्रेनेड लिया और उन सैनिकों पर फेंक दिया, जिसमें तीन मारे गए. उन्होंने उठने की कोशिश की लेकिन पाया कि उनका हाथ उनके शरीर पर झूल रहा था. बेल्ट से उन्होंने हाथ को धड़ से बांध लिया और राइफल को इकठ्ठा करना शुरू कर दिया.

भारतीय सेना ने अपने दम पर कारगिल की पहाड़ियों से घुसपैठियों को उल्टे पांव लौटाया था. तभी से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध में 500 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हुए थे. हर साल आज के दिन देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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