पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर की धमकी से नहीं डरे तालिबानी
नई दिल्लीः पाकिस्तान की सरकार को अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है। तालिबान ने साफ कह दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगी। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इससे पहले धमकी दी थी कि वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। तालिबानी सरकार पाकिस्तान के लिए सिरदर्ज बन गई है, वो अपने आका की बात भी नहीं मान रही है। पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे थे, ताकि टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मनाया जाए,लेकिन तालिबान ने साफ कह दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लेगा और लगे हाथ पाकिस्तान को शांति की नसीहत भी दे दी है
टीटीपी के बढ़ते हमले को देखते हुए पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे थे ताकि तालिबान को टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मना लिया जाए। लेकिन पाकिस्तान की यह कोशिश फेल हो गई है। तालिबान ने साफ कह दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लेगा और यह भी नसीहत दे दी कि पाकिस्तान खूनी हमले कर रहे टीटीपी के आतंकियों से बातचीत करे। तालिबान के डेप्युटी पीएम ने सुझाव दिया कि ताकत की बजाय शांति के रास्ते को अपनाया जाए। पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक यह इस बात का संकेत है कि तालिबान टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता है।पाकिस्तान की सेना जब अमेरिका के खिलाफ तालिबान की मदद कर रही थी, तब उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कभी ये आतंकी उसके लिए भस्मासुर बन जाएंगे। पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे थे ताकि तालिबान को टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मना लिया जाए।
पाकिस्तान की सरकार ने अपने विशेष दूत के जरिए यह दबाव डालने की कोशिश की थी कि तालिबान अब टीटीपी आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करे। तीन दिन तक समझाने के बाद भी तालिबान पर कोई असर नहीं हुआ और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है। तालिबान ने साफ कह दिया कि वह कोई कार्रवाई नहीं करेगा, पाकिस्तान को टीटीपी से बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तानी दूत असद दुर्रानी ने अफगानिस्तान के डेप्युटी पीएम और विदेश मंत्री दोनों को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं पिघले।टीटीपी के ताजा हमले में 12 सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान सरकार बौखलाई हुई है। टीटीपी के लगातार हो रहे हमलों के बाद पाकिस्तान ने इस आतंकी गुट के साथ बातचीत को बंद कर दिया था। पाकिस्तान ने कहा है कि टीटीपी के साथ अब तभी कोई बातचीत होगी जब आत्मसमर्पण करेगा। अब तालिबानी पाकिस्तान को युद्ध का रास्ता नहीं अपनाने के लिए चेता रहे हैं।