नई दिल्ली – 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है.हो सकता है कि सितंबर में हो। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दी और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा.
LVM3 M4/Chandrayaan-3 Mission:
LVM3 M4 vehicle🚀 successfully launched Chandrayaan-3🛰️ into orbit.— ISRO (@isro) July 14, 2023
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी.
इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट को एलवीएम3एम4 रॉकेट के जरिए पूरा किया जाएगा, जिसे जीएसएलवीएमके3 भी कहा जाता था. इसरो में इस रॉकेट को ‘फैट बॉय’ भी कहा जाता है. दरअसल, इस रॉकेट का ये नामकरण भारी उपकरण ले जाने की क्षमता की वजह से हुआ है.
LVM3 M4/Chandrayaan-3 Mission:
Mission Readiness Review is completed.
The board has authorised the launch.
The countdown begins tomorrow.The launch can be viewed LIVE onhttps://t.co/5wOj8aimkHhttps://t.co/zugXQAY0c0https://t.co/u5b07tA9e5
DD National
from 14:00 Hrs. IST…— ISRO (@isro) July 12, 2023
इसरो ने चंद्रयान 2 की तरह ही चंद्रयान 3 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया है. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के बाद इसरो का सबसे पहला मकसद लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना होगा. जिससे ये बात स्थापित हो सके कि भारत भी दूसरे ग्रहों पर अपने मिशन भेजने के लिए तैयार हो चुका है.
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले पीएम मोदी ने मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं.भारत के स्पेस सेक्टर में 14 जुलाई 2023 की तारीख हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगी।हमारा तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं.