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पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के मायने जाने


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नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई से फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. पीएम मोदी फ्रांस की वार्षिक बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद मोदी इस सम्मान से सम्मानित होने वाले दूसरे भारतीय पीएम हैं। इस यात्रा का भारत-फ्रांस संबंधों पर क्या असर पड़ेगा, यहां जानिए खास तौर पर बता दें कि पीएम मोदी की यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से अहम है, बल्कि भारतीय नौसेना के लिए भी इस यात्रा का रणनीतिक महत्व है।

पीएम मोदी की ये यात्रा बेहद अहम और ऐतिहासिक होने वाली है. इस बीच दोनों देश रक्षा क्षेत्र में कुछ समझौतों की घोषणा भी कर सकते हैं जिनमें फ्रांस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी शामिल हो सकता है। पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान फ्रांस से नौसेना की जरूरतों के अनुरूप 26 राफेल विमानों की खरीद की भी घोषणा कर सकते हैं। इन प्रस्तावों में नौसेना के लिए 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के साथ-साथ राफेल-एम विमानों की खरीद भी शामिल है। इस बीच फ्रांस भारत को कुछ और हथियारों की आपूर्ति की घोषणा भी कर सकता है।

पिछले 25 वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच संबंध तेजी से बढ़े हैं। यानी दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं. यहां बता दें कि साल 1998 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने भारत का दौरा किया था. उस समय दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया।

फ्रांस की भारत के साथ सद्भावना है
इतिहास गवाह है कि भारत और फ्रांस के बीच संबंध सकारात्मक और पूरक रहे हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक स्तर के साथ-साथ लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। फ्रांसीसी लंबे समय से भारतीय संस्कृति और विरासत से आकर्षित रहे हैं। फ्रांस ने कभी भी भारत के खिलाफ अमेरिका जैसा रुख नहीं अपनाया. जब दुनिया पोखरण परमाणु परीक्षण को लेकर भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगा रही थी तब फ्रांस तटस्थ था। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध मधुर रहे हैं। जैसे भारत में कई स्कूलों में फ्रेंच पढ़ाई जाती है, वैसे ही फ्रेंच कॉलेजों में योग, आयुर्वेद और दर्शनशास्त्र पर चर्चा होती है। रक्षा सौदे के अलावा अब दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग बढ़ाने पर भी फोकस हो सकता है. जैसे कि 2010 में फ्रांस और भारत के बीच व्यापार 9 बिलियन डॉलर था जो 2021 में 13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अब आगे इन बिजनेस आंकड़ों पर फोकस रह सकता है।

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