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UP Politics:महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे सियासी जंग


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नई दिल्ली – अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के कदमों के तले से राजनीतिक कालीन खींच ली है. उन्होंने यह बता दिया है कि एनसीपी पर असल हक उनकी बेटी सुप्रिया सुले का नहीं बल्कि अजित पवार का है। शरद पवार ने अजित पवार को एनसीपी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए पत्र जारी किया तो अजित पवार ने पार्टी पर ही कब्जा जमा लिया है। महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे के बीच सियासी तलवारें उसी तरह खिंची हुई हैं, जैसे 6 साल पहले मुलायम कुनबे में चाचा-भतीजे में छिड़ गई थी।

शरद ने आगे कहा कि आज पूरा देश हम पर नजर रख रहा है। एनसीपी के लिए यह बैठक ऐतिहासिक है। हमें अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ते रहना होगा।आज अजित पवार की बातें सुनकर काफी अफसोस हुआ। शरद पवार ने कहा कि पार्टी तोड़ने से पहले अजित को बात करनी चाहिए थी। अजित चाहते तो बातचीत से रास्ता जरूर निकल सकता था।

पवार ने कहा कि जो उद्धव के साथ हुआ वही एनसीपी के साथ भी किया गया। शरद पवार ने अजित को साफ लफ्जों में चेतावनी देते हुए कहा कि जिसने गलत किया वो सजा जरूर भुगतेगा। महाराष्ट्र में जो हुआ वो पूरा देश देख रहा है। अजित के लिए मैंने क्या नहीं किया, उसे विधायक बनाया, डिप्टी सीएम बनाया और फिर भी हमें धोखा मिला। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार खोटा सिक्का निकला।

महाराष्ट्र में छिड़ी चाचा-भतीजे की सियासी वर्चस्व की जंग के बीच यूपी के चाचा-भतीजे को लेकर भी सियासी चर्चा तेज है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की विरासत पर काबिज होने के लिए चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच अदावत की जंग यूपी ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों ने देखी थी. मुलायम सिंह यादव के हाथों में सपा की कमान थी, तो शिवपाल यादव को उनका हनुमान माना जाता है. शिवपाल को एक समय मुलायम सिंह यादव का सियासी उत्तराधिकारी भी माने जाने लगा था क्योंकि सपा के संगठन से लेकर सरकार तक में अहम फैसले वही किया करते थे.

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