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OROP : मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन स्कीम को दी मंजूरी


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नई दिल्ली – केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है और पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब रिवीजन के बाद 25 लाख लोगों को फायदा होगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पर 8500 करोड़ का भार आएगा.

क्या है वन रैंक वन पेंशन स्कीम?
वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) का अर्थ सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन का भुगतान है, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो. उदाहरण के तौर पर अगर एक अधिकारी जो 15 वर्षों (1985 से 2000 तक) के लिए सेवा में रहा है, और 2000 में सेवानिवृत्त हुआ, उसे 2010 में सेवानिवृत्त होने वाले और 1995 से 2010 (15 वर्ष) तक सेवा में रहने वाले अधिकारी के समान ही पेंशन मिलेगी.

मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जायेगा जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रूपये की राशि बनती है। उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।

संशोधित वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) कार्यक्रम के तहत लगभग 25 लाख सैन्य पेंशनभोगियों को लाभ होगा। बकाया राशि का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा। हालांकि, विशेष पारिवारिक पेंशन पाने वाले और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनरों को एक किस्त में एरियर का भुगतान किया जाएगा.

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