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यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए योजनाएं चला रहा यूके, गैर सरकारी संगठनों को यौन तस्करी का डर

यूके : यूक्रेन पर हमले के बाद से लगभग 30 लाख लोग रूस से भाग चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम ने देश से भागने वाले लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए ‘यूक्रेन के लिए घर’ नामक एक परियोजना शुरू की है। इस योजना के तहत लोग यूक्रेन के लोगों को उनके घरों में 6 महीने तक पनाह दे सकते हैं। एक हफ्ते में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने ऑफर दिए हैं। वहीं इस योजना से यूके ने दिखाया है कि वो यूक्रेन के साथ है और शरणार्थियों को पनाह देने के लिए इंतजाम कर रही है।

योजना का उद्देश्य यूक्रेन से विस्थापित लोगों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना है। हालांकि, 18 शरणार्थी संगठनों और तस्करी रोधी समूहों ने इस बारे में चेतावनी दी है। ब्रिटेन के सामुदायिक सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि यह यौन तस्करों के लिए एक अवसर साबित हो रहा है। अपराधियों ने महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। एनजीओ को डर है कि यूक्रेन से भागे लोगों को घर में पनाह देने के नाम पर तस्करी भी की जा सकती है। इससे सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं और बच्चों को है। खासतौर पर जो शरणार्थी बिना किसी परिवार के हैं उनका इस जाल में फंसना ज्यादा मुमकिन है।

इन कंपनियों का कहना है कि यह योजना टिंडर ऐप की तरह हो गई है जहां लोग आश्रय लेने के लिए बाएं और दाएं स्वाइप करते हैं। ज्यादातर लोग कहते हैं कि उन्हें एक अविवाहित महिला की जरूरत है जो उनके बच्चों की देखभाल कर सके। एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि हमें चिंता है कि यह योजना यौन तस्करी शुरू कर सकती है। हम बहुत से ऐसे लोगों को जानते हैं जो सोशल मीडिया पर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए घर में रहने का ऑफर देकर महिलाओं और बच्चों को गलत कामों में धकेला जा सकता है।

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