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इलाज-ऑपरेशन भी महंगा,900 फॉर्मूलेशन की बढ़ी कीमत


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नई दिल्ली – भारत में दवाओं के दाम तय करने वाली संस्था NPPA यानी National pharmaceutical pricing authority ने दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैं। 1अप्रैल 2023 से नए दाम प्रभावी हो गए हैं। दवाओं की कीमत में 10 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।

दिल की बीमारियों और डायबिटीज सहित कई बीमारियों के इलाज से जुड़ी जरूरी दवाओं की कीमतें इस साल 10% से ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। यह बढ़ोतरी अब तक की सबसे ज्यादा है।2022 में थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव के अनुरूप ही सरकार आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) के तहत दवाओं की कीमतों काे 12.2% की बढ़ोतरी की इजाजत देने की तैयारी कर रही है।

पैरासिटामोल की गोली, सिरप और इंजेक्शन सभी महंगे हो गए हैं। एंटीबायोटिक दवा एजिस्थ्रोमाइसिन, दर्द कम करने के लिए दिया जाने वाला ट्रेमाडॉल का इंजेक्शन, डीपीटी वैक्सीन, यहां तक कि फॉलिक एसिड की दवाओं के दाम भी बढ़ाए गए हैं। टनेस का इंजेक्शन, विटामिन की दवाएं, डॉक्सीसाइक्लिन दवा भी महंगी हो गई है. कफंगस के इलाज में काम आने वाले एम्फोटेरिसिन बी के इंजेक्शन का दाम भी बढ़ गया है। इक्लोफिनेक, दिल के मरीजों को दी जाने वाली एटोरवास्टेटिन और एमोक्सिसिलिन के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। जेस्ट्रोन की दवा, कैल्शियम कार्बोनेट की दवा, कंडोम के दाम भी बढ़ाए गए हैं।

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) की जॉइंट कमिश्नर रश्मि टहलियानी ने कहा कि 2021 की तुलना में थोक मूल्य सूचकांक में सालाना 12.12 फीसदी का बदलाव हुआ है। इससे 27 बीमारियों के इलाज के 900 फॉर्मूलेशन से संबंधित 384 मॉलेक्यूल की कीमतें 12% बढ़ने की संभावना है।गैर-जरूरी की सूची से बाहर की दवाओं की कीमतों में 10% की बढ़ोतरी की छूट दी जाएगी। पिछले साल NPPA ने फार्मा उघोग काे करीब 10 फीसदी दाम बढ़ाने की इजाजत दी थी।

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