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बांग्लादेश के अगले राष्ट्रपति बन सकते है मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू


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नई दिल्ली – संसद में पूर्ण बहुमत रखने वाली अवामी लीग पार्टी ने उन्हें शीर्ष पद के लिए नामित किया है। दरअसल, संसद में विपक्षी पार्टी ने किसी को देश के सर्वोच्च पद के लिए नामित नहीं किया है, ऐसे में चुप्पू का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद का कार्यकाल इस साल 24 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, ऐसे में बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने पहले ही नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया था।

मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू देश के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले मोहम्मद अब्दुल हामिद की जगह ले सकते हैं, जिनका कार्यकाल इसी साल 23 अप्रैल को खत्म हो रहा है। मोहम्मद अब्दुल हामिद पिछले दो बार से बांग्लादेश के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले मोहम्मद अब्दुल हामिद को 24 अप्रैल, 2018 को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई गई थी।

संसद के बाहर अवामी लीग की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) भी किसी को राष्ट्रपति पद के लिए नामित नहीं कर सकती है, क्योंकि पार्टी के सभी सात सांसदों ने सरकार विरोधी अभियान के तहत दिसंबर 2022 में इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि देश में आम चुनाव इस साल दिसंबर में होने हैं।

प्रधानमंत्री शेख हसीना को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार करना था नामित
वहीं, अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने जानकारी दी है कि अवामी लीग संसदीय दल (एएलपीपी) ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित करने का काम सौंपा था। उन्होंने काफी मंथन के बाद पूर्व न्यायाधीश मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का नाम आगे किया।

मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का जन्म 1949 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के उत्तर-पश्चिमी पबना जिले में हुआ था. वह 1960 के अंत और 1970 की शुरुआत में अवामी लीग के छात्र और युवा विंग के नेता थे। चुप्पू बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम का भी हिस्सा थे और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता) की हत्या के बाद विरोध करने के आरोप में कैद किए गए थे। उन्हें देश की न्यायिक सेवा में 1982 में शामिल किया गया और 1996 में अवामी लीग के लौटने पर बंगबंधु हत्याकांड मामले के कोऑर्डिनेटर के रूप में भी काम किया। वह डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज के पद से रिटायर हुए. अपने रिटायरमेंट के बाद चुप्पू ने स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के आयुक्तों में से एक के रूप में काम किया, जिसके बाद में वो राजनीति में शामिल हो गए और अवामी लीग सलाहकार काउंसिल के मेंबर बन गए। चुप्पू की पत्नी रेबेका सुल्ताना बांग्लादेश सरकार की पूर्व संयुक्त सचिव हैं।

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