x
ट्रेंडिंगभारत

PM नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का हुआ निधन,पंचमहाभूत में विलिन हुए हीराबेन


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

गुजरात – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का निधन हो गया है। हीराबेन मोदी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रही थी और अस्पताल में भर्ती थी। इसी साल जून में उन्होंने 100वां जन्मदिन मनाया था। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले अस्पताल ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया था कि उनकी हालत स्थिर है। हर कोई प्रार्थना कर रहा था कि वह जल्दी ही स्वस्थ हो जाएं, लेकिन दुआएं काम नहीं आईं और हीराबेन सभी को छोड़कर चली गईं,पीएम मोदी का उनके साथ बेहद ज्यादा स्नेह था।

PM Modi ने ट्वीट कर मां को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, ‘शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि કામ કરો બુદ્ધિથી, જીવન જીવો શુદ્ધિથી यानि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।

हीरा बा ने आज तड़के साढ़े तीन बजे अंतिम सांस ली। इस बीच पीएम मोदी अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं। सांस लेने में दिक्कत होने के बाद हीराबेन मोदी अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती थी और उनका हालचाल जानने के लिए खुद पीएम भी अस्पताल पहुंचे थे।अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों ने उनकी मां का एमआरआई और सीटी स्कैन किया और गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी तबियत में सुधार हो रहा है।

हीराबेन गुजरात के गांधीनगर के बाहर इलाके में रायसण गांव में मोदी के छोटे भाई पंकज के साथ रहती थीं। पीएम मोदी ने अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर उनके लिए एक पत्र लिखा था. पीएम मोदी ने मां के लिए इसमें मोदी ने तमाम यादें ताजा करते हुए अपने जीवन में मां के महत्व को समझाया था. लेटर में लिखा था “मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है. दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है। मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है। और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है।

Back to top button