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Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका


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नई दिल्ली – बिलकिस बानो (Bilkis Bano) की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। याचिका में बिलकिस बानो ने मई में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें गुजरात सरकार को 1992 के जेल नियमों के तहत 11 दोषियों की रिहाई के लिए अनुमति दी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार कर दिया था।

साल 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने के मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, गुजरात सरकार ने दोषियों को रिहा 15 साल जेल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया। गुजरात सरकार का कहना है कि उसने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है।

गुजरात में कैदियों की सजा माफ करने के लिए 2014 में गृह विभाग ने नए दिशा निर्देश और नीतियां जारी की गईं। इसमें कहा गया है कि दो या इससे अधिक लोगों की सामूहिक हत्या या सामूहिक दुष्कर्म करने वाले कैदियों की सजा माफ नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं, उन्हें समय से पहले रिहाई भी नहीं दी जा सकती। बिलकिस बानो के मामले में ये नियम नहीं लागू किया गया। इसके पीछे कारण ये रहा कि, पूरे मामले में सीबीआई ने की और 11 लोगों को दोषी करार दिया गया। गुजरात सरकार की वर्तमान नीति के हिसाब से इनकी रिहाई नहीं हो सकती थी।

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