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लखीमपुर खीरी हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा 14 अभियुक्तों आरोप कायम


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नई दिल्ली – अदालत ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 13 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए। मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और उन पर 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने का आरोप लगाया गया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों के खिलाफ यहां की एक अदालत में आरोप तय कर दिए गए,बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को निघासन क्षेत्र के तिकोनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है।

अपर जिला न्यायाधीश सुनील कुमार वर्मा की अदालत में तिकोनिया कांड मामले में आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए। त्रिपाठी ने बताया कि जिन अभियुक्तों पर आरोप तय हुए उनमें आशीष मिश्रा के साथ-साथ अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा, वीरेंद्र शुक्ला और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं।

वीरेंद्र शुक्ला पर भारतीय दंड विधान की धारा 201 (सुबूत मिटाना) के तहत आरोप तय किया गया है। बाकी अभियुक्तों पर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), 148 (धारदार हथियार लेकर बलवा करना), 149 (गैरकानूनी जमावड़े में शामिल किसी सदस्य द्वारा अपराध किया जाना), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक नुकसान पहुंचाना), 427 (आर्थिक नुकसान पहुंचाना) और 120 (ख) (साजिश रचना) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए।

तीन अक्टूबर 2021 को निघासन क्षेत्र के तिकोनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टिनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। मंगलवार को जिन 14 अभियुक्तों पर आरोप तय हुए उनमें से 13 आरोपी इस वक्त लखीमपुर खीरी जिला जेल में बंद हैं। वहीं एक आरोपी वीरेन्द्र शुक्ला जमानत पर है। आरोप तय करने का बुनियादी मकसद अभियुक्त को यह बताना है कि अभियोजन पक्ष उसके खिलाफ कौन-कौन से आरोप साबित करना चाहता है।

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