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उदयपुर रेलवे ट्रैक विस्फोट रिमोट ब्लास्ट नहीं था,इमल्शन नाम के विस्फोटक हुआ इस्तेमाल


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नई दिल्ली – उदयपुर रेलवे ट्रैक धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के सूत्रों ने बड़े खुलासे किए हैं। एनआईए को अब तक की जांच में पता चला है कि रेलवे ट्रैक पर बम लगाने में स्थानीय अपराधियों की मदद ली गई। इस धमाके में लोकल ब्लास्ट किट का इस्तेमाल किया गया था जिसे बैटरी द्वारा संचालित किया गया था, यह रिमोट ब्लास्ट नहीं था क्योंकि जांच एजेंसियों को अभी इसमें कोई पावर प्वॉइंट नहीं मिला है।

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक रेल की पटरी को उड़ाने के लिए इमल्शन नाम के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। डेढ़ किलो वजन का विस्फोटक बम में रखा गया था। धमाके से रेल ट्रैक को क्षतिग्रस्त कर ट्रेन एक्सीडेंट कराने की साजिश थी। बता दें कि घटना से महज कुछ दिन पहले ही उदयपुर से अहमदाबाद के इस नए ट्रैक का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। ऐसे में एनआईए इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान हादसा कराके पीएम मोदी के खिलाफ माहौल बनाने की साजिश तो नहीं रची गई थी।

शुरुआती जांच केंद्रीय एजेंसियों के इस बात की ओर भी इशारा कर रही है कि धमाके का मकसद रेलवे ट्रैक को ही नुकसान पहुंचाना था जिससे ट्रेन आवाजाही में गतिरोध पैदा हो या फिर ट्रैक टूटने की वजह से ट्रेन ऐक्सीडेंट हो। ब्लास्ट किट फिट करने में ली गई थी स्थानीय लोगों की मदद, मतलब बलास्ट को लोकल नेटवर्क की मदद से अंजाम दिया गया।

रेल की पटरी को एक पुल के ऊपर बम लगाकर क्षतिग्रस्त किया गया था। ताकि इसपर नजर जल्दी न पड़े और ट्रेन हादसा कराया जा सके। ये सोचकर ही डर लगता है कि अगर कोई ट्रेन पुल पर से गुजरती और टूटी पटरी की वजह से नदी में जा गिरती, तो कितनी बड़ी जनहानि होती! वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इस साजिश को रचने वालों को हर हाल में तलाशा जाएगा और उन्हें किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस घटना की जांच के बारे में पल-पल की जानकारी गृह मंत्रालय से भी ली जा रही है।

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