गोधरा से 6 बार बन चुके हैं विधायक,कौन हैं सीके राउलजी
नई दिल्ली – गोधरा सीट पर चंद्रसिंह राउलजी का कब्जा पिछले कई सालों से बरकरार है। जनता दल से अपनी राजनीति की शुरूआत करने वाले राउलजी कई पार्टियों में रह चुके हैं, लेकिन गोधरा सीट की कहानी ऐसी है कि चंद्रसिंह रहें किसी भी पार्टी में, जीत उन्हीं की होती है, हालांकि इस बार उनकी राह थोड़ी मुश्किल लग रही है। बिलकीस बानो के रेपिस्टों को लेकर दिया गया बयान उनके खिलाफ जा सकता है।
उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों को रिहा कर दिया गया। उन्होंने दोषियों को ब्राह्मण बताते हुए कहा कि उनके अच्छे संस्कार थे। उनके बयान को लेकर बहस छिड़ गई थी। बीजेपी ने उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र गोधरा से फिर से टिकट दिया गया है। राउलजी ने यह टिप्पणी मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों की रिहाई के बाद दिए एक साक्षात्कार में की थी। उन्होंने कहा था कि अधिकारियों ने दोषियों के आचरण को संतोषजनक पाया है।
चंद्रसिंह राउलजी गोधरी सीट से अपराजेय रहे हैं, गोधरा दंगों के पहले भी और बाद भी में वो इस सीट से जीतते रहे हैं। इनकी जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका इस सीट पर मौजूद अल्पसंख्यक निभाते रहे हैं। इन वोटों के बारे में कहा जाता है कि ये एकमुश्त राउलजी को जाता है। राउलजी ने अपनी राजनीति की शुरूआत जनता दल से की थी। 1990 में पहली बार गोधरा सीट से चुने गए थे। एक साल के अंदर ही बीजेपी में शामिल हो गए और उपचुनाव में फिर से जीत गए।
राउलजी गोधरा जेल सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे, जिसने आरोपियों के आचरण के आधार पर उनकी सजा को माफ करने की सिफारिश की थी। बोर्ड का संविधान भी सवालों के घेरे में आ गया था क्योंकि इसमें भाजपा सदस्यों का वर्चस्व था। 2008 में सीबीआई की विशेष अदालत ने बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बिलकीस बानो के रेपिस्टों को जब इस साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया तो राउलजी ने उनका बचाव करते हुए ऐसी बात कह दी, जिससे वो विवादों में घिर गए। राउलजी को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक रिपोर्टर को यह कहते हुए सुना गया कि आरोपी ब्राह्मण थे और ब्राह्मण अच्छे संस्कार के लिए जाने जाते हैं।