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ग्रीन बॉन्ड बन रहा है निवेशकों की पसंद,जाने फायदा


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नई दिल्ली – 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कई बड़े फैसलों का एलान किया है, जिसमें आपने ‘ग्रीन बॉन्ड’ का नाम भी सुना होगा। दरअसल, सरकार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने की तैयारी में है। अगर आपको ग्रीन बॉन्ड को समझने में परेशानी हो रही है, तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की हो सकती है। आज हम आपको ग्रीन बॉन्ड से जुड़े कुछ सवालों के बारे में बताने जा रहे हैं, जैसे – ये किस तरह का बॉन्ड है या इसमें निवेश करने पर क्या फायदा मिलेगा? ग्रीन बॉन्ड जारी करने की वजह? इससे लोगों पर क्या असर पड़ने वाला है?

ग्रीन बॉन्ड एक तरह निवेश है, जिसमें निवेशकों को एक फिक्स्ड ब्याज दिया जाएगा। इसे सरकार की ओर से इससे मिलने वाले पैसे का उपयोग कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली योजनाओं के लिए किया जाएगा। यह बॉन्ड एसेट लिंक होंगे। एसेट लिंक बॉन्ड निवेशकों के बीच में काफी लोकप्रिय होते हैं, इस कारण सरकार के लिए भी इन बॉन्ड पर पैसा जुटाना आसान होता है। एसेट लिंक होने के कारण इन बॉन्ड को सुरक्षित माना जाता है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इस पर सरकार की ओर से टैक्स छूट और टैक्स क्रेडिट भी दिया जाता है।

ग्रीन बॉन्ड में निवेशकों को टैक्स में छूट की सुविधाएं मिलती हैं। इसी के चलते बाकी बॉन्ड के मुकाबले इसमें निवेश करना ज्यादा लाभकारी होता है। हाल ही में जर्मनी, डेनमार्क ने भी अपने देश में ग्रीन बॉन्ड जारी किया है। वहीं अब भारत में इसकी रूपरेखा सामने आना बाकी है। खास बात तो ये है, कि दुनिया भर में ग्रीन बॉन्ड का बाजार एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का है।

इस बॉन्ड की मदद से सरकार उन निवेशकों को आकर्षित करना चाहती है, जो पहले भी सरकारी बॉन्ड में निवेश कर रहे हैं। वहीं इस बॉन्ड को जारी करने के पीछे सरकार का मकसद पर्यावरण और जलवायु प्रोजेक्ट के लिए पैसे जुटाना है। इसकी मदद से किसी भी तरह की पर्यावरण केंद्रित परियोजनाओं को तेजी मिल सकती है। साथ ही सरकार के पास फंड भी भरपूर रहेगा।

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