चित्रगुप्त पूजा 2022: इस मुहूर्त में मंत्र के साथ करें पूजन, सुख समृद्धि का वास होगा
नई दिल्लीः कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज के सहायक श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा की जाती है. माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद नरक की यातनाएं नहीं झेलनी पड़तीं.कायस्थ समाज के लिए चित्रगुप्त पूजा एक विशेष अवसर है. इस दिन चित्रगुप्त महाराज के साथ नए खाताबही, कलम, दवात का पूजन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त महाराज ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उनको कायस्थ कहा जाता है. ब्रह्म देव ने उनको सभी जीवों के कर्मों का लेखा जोखा रखने का उत्तरदायित्व दिया है. चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर उनकी आराधना करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है.
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि की शुरूआत: 26 अक्टूबर, दोपहर 03 बजकर 35 मिनट से,कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि की समाप्ति: आज, 27 अक्टूबर, दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर सर्वार्थ सिद्धि योग: आज दोपहर, दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि आज दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगी. लेकिन इस तिथि का असर पूरे दिन रहेगा. पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:18 बजे से लेकर 03:33 बजे तक रहेगा.पूजा के लिए चौक बनाकर उस पर एक पाटा या चौकी रखें. इस चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर को रखें. इसके बाद श्रद्धापूर्वक उन्हें रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, दक्षिणा, प्रसाद आदि अर्पित करें. इसके बाद एक नए पेन से एक कागज पर राम-राम लिखकर उस कागज को भरें. इसके बाद कागज और पेन को उस चौकी पर रखें, जहां चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर रखी है. इस कलम और कागज की पूजा करें. रोली, अक्षत वगैरह समर्पित करें. इसके बाद भगवान चित्रगुप्त से जाने अनजाने में हुए पापों की क्षमा याचना करें और इसके बाद भगवान चित्रगुप्त की आरती करें. आपक पर हमेशा भगवान चित्रगुप्त का आशीर्वाद बना रहे,
चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
चित्रगुप्त पूजा मंत्र
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः