नई दिल्ली – सीबीआई ने पिछले साल हुई आईआईटी जेईई (मुख्य) परीक्षा में कथित हेरफेर के मामले में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI Airport) पर एक रूसी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कथित छेड़छाड़ के लिए विदेशी नागरिक के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी किया था, जिस पर मुख्य हैकर होने का संदेह है।
कुछ विदेशी नागरिक जेईई (मेन्स) समेत कई ऑनलाइन परीक्षाओं के लीक के मामले में अन्य आरोपियों की मिलीभगत से शामिल थे. एक रूसी नागरिक की भूमिका का भी खुलासा किया गया था. जिसने कथित तौर पर iLeon सॉफ्टवेयर (जिस प्लेटफॉर्म पर जेईई (मुख्य) -2021 परीक्षा आयोजित की गई थी) के साथ छेड़छाड़ की थी और उसने परीक्षा के दौरान संदिग्ध उम्मीदवारों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की मदद की थी. इसलिए उक्त रूसी नागरिक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था।
जब रूसी नागरिक विदेश से हवाईअड्डे पर पहुंचा तो केंद्रीय एजेंसियों ने CBI को सतर्क किया। उन्होंने कहा कि CBI ने उसे तत्काल रोका और जेईई परीक्षा में छेड़छाड़ के सिलसिले में उससे पूछताछ की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध को हिरासत में लिया जा सकता है। एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में ‘एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड’ और उसके तीन निदेशकों- सिद्धार्थ कृष्ण, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई आरोपी Mikhail shargin जो रूस का नागरिक बताया जा रहा है, से पूछताछ कर रही है। सीबीआई को शक है कि इसी के सहारे आरोपियों ने पिछले साल जेईई मुख्य ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर करने की कोशिश की थी। हेरफेर करने वाले लोग पहले छात्रों के 10वीं और 12वीं के मार्कशीट और उनके रोलनंबर अपने पास रख लेते थे, बाद में जब वह इन्हें परीक्षा में पास करा देते तो इसके एवज में छात्रों के माता पिता से लाखों रुपए लेते थे। देश के शीर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में उन्हें प्रवेश दिला रहे थे. आरोपों के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत (Sonipat) में एक चयनित परीक्षा केंद्र से आवेदकों के प्रश्नपत्रों को टेक्नोलॉजी की मदद से हल कराया जा रहा था।