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खेल

दो विश्व कप जीते हैं, गौतम भारत का हेड कोच बनने के बाद टीम में किसे-किसे होगी दिक्कत

नई दिल्ली – राहुल द्रविड़ के बाद भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम का अगला कोच कौन होगा, इसको लेकर बीसीसीआई की तरफ से तलाश जारी है. बीसीसीआई ने कोच पद को लेकर जो आवेदन मंगाए थे, उसकी आखिरी तारीख 27 मई थी और अभी तक किसी नाम पर बोर्ड ने मोहर नहीं लगाई है. हालांकि, गौतम गंभीर का नाम कोच पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनका नाम लगभग तय हो चुका है. वहीं भारत के पूर्व कोच लालचंद राजपूत का मानना है कि गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए सही उम्मीदवार हैं क्योंकि वह एक चतुर रणनीतिकार के साथ ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिसने दो बार विश्व कप का खिताब जीता है. गंभीर ने आधिकारिक तौर पर भारत के कोच पद के लिए आवेदन किया है या नहीं इस बारे में पुष्ट जानकारी नहीं है लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह टी20 विश्व कप के बाद राहुल द्रविड़ की जगह ले सकते हैं.

गौतम ने आईपीएल 2024 का चैंपियन बनाया

गौतम गंभीर ने हाल ही में कोलकाता नाइटराइडर्स को आईपीएल 2024 का चैंपियन बनाया। इससे पहले लखनऊ सुपर जायंट्स को लगातार दो साल तक प्लेऑफ तक पहुंचाया था। अब हर कोई चाहता है कि वह महान राहुल द्रविड़ के रिप्लेसमेंट के तौर पर भारतीय टीम को जॉइन करें। 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप के हीरो गौतम गंभीर फिलहाल टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में सबसे बेहतर विकल्प दिख रहे हैं। उन्होंने कोचिंग पर कहा भी कि अगर उन्हें मौका मिला तो यह उनके लिए गौरव की बात होगी। खैर, अगर गौतम गंभीर टीम के हेड कोच बनते हैं तो यकीन मानिए कई प्लेयर्स को उनसे बड़ी दिक्कत होने वाली है.

भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज

भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 2007 विश्व टी20 जीतने वाली भारतीय टीम और अमेरिका की वर्तमान टीम की तुलना करते हुए कहा कि टीम में अनुभवी खिलाड़ियों का होना फायदेमंद रहता है. उन्होंने कहा,”आपके पास कुछ अनुभव भी होना चाहिए. हम बिल्कुल नई टीम के साथ नहीं जा सकते क्योंकि विश्व कप में दबाव भी होता है.” राजपूत ने कहा,”आपके पास कुछ सीनियर खिलाड़ी होने चाहिए और उसके साथ जूनियर भी क्योंकि वे एक-दूसरे का पूरक होते हैं. अगर आप हमारी 2007 टीम को देखें, तो (वीरेंद्र) सहवाग, गंभीर, इरफान पठान, हरभजन (सिंह), आरपी सिंह और युवराज जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम में थे. इसके साथ ही रोहित शर्मा, रॉबिन उथप्पा और यहां तक कि दिनेश कार्तिक जैसे युवा खिलाड़ी थे. यह एक अच्छा मिश्रण था.”

इंग्लैंड के खिलाफ आईपीएल

टीम इंडिया में ऐसा अक्सर देखने को मिला है कि टीम में शामिल होने के बावजूद खिलाड़ी यह कहते हुए खुद को रिलीज करने की बात करते हैं कि वर्कलोड ज्यादा है, जबकि कई बार ऐसा होता नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ आईपीएल से ठीक पहले जहां विराट कोहली ने टीम से जुड़ने के बाद अपना नाम वापस लिया था तो एक सीनियर गेंदबाज ने राजकोट टेस्ट में सिर्फ 23 ओवर फेंकने के बाद आराम करने का फैसला किया था. कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा का यह फैसला सवालों में भी था। इस पर गावस्कर भड़के भी थे, लेकिन सख्त गौतम गंभीर से उम्मीद होगी कि ऐसे प्लेयर्स को टॉलरेट न करें.

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