नवजात शिशु के रोने और चीखने पर उसकी आंखों से आंसू क्यों नहीं आते?
नई दिल्ली – जब कोई रोता है तो उसकी आंखों में आंसू आ ही जाते हैं। कभी-कभी लोग इसे मगरमच्छ के आंसू भी कहते हैं। लेकिन कभी-कभी आपने देखा होगा कि जब एक बड़ा व्यक्ति रोता है, तो आँसू का कोई संबंध नहीं होता है, लेकिन अगर कोई नवजात शिशु रोता है, तो उसका चेहरा लाल हो सकता है, लेकिन उसकी आँखों से आँसू नहीं निकलते। आखिर इसकी वजह क्या है? आज के अपने लेख को पढ़कर अगर हम आपको इसके पीछे के कारणों से अवगत कराने जा रहे हैं तो नवजात शिशुओं की आंखों से आंसू क्यों नहीं आते?
क्या नवजात शिशु अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोने का नाटक कर रहे हैं, या वे जानबूझकर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं? ऐसा सोचने से पहले ये भी जान लें कि आखिर उनकी आंखों से आंसू क्यों नहीं आते। एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 महीने से अधिक उम्र के बच्चों या यहां तक कि वयस्कों में भी आंसू के लिए आंसू की नली होती है। बादाम के आकार की अश्रु-वाहिनी एक पानी जैसा पदार्थ छोड़ती है जो आंसुओं के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाती है।
इसलिए जब भी हम रोते हैं तो आंसू की नली से निकले आँसुओं के कारण हमारा रोता हुआ चेहरा कोई नहीं देखता। लेकिन नवजात शिशुओं में, जन्म के पहले दो या तीन सप्ताह तक आंसू-वाहिनी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। इसलिए जब बच्चा रोता है, चिल्लाता है, तो आवाज तेज होती है, लेकिन आंसू नहीं निकलते। बाल विशेषज्ञों के अनुसार कई नवजात शिशुओं में अश्रु-वाहिनी विकसित होने में 1 से 2 महीने का समय लगता है।