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चुनाव आयोग का शिवसेना उद्धव गुट को नोटिस,जय भवानी’ हटाने की मांग करना महाराष्ट्र का अपमान


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नई दिल्लीः शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के नए गीत से ‘जय भवानी’ और ‘हिंदू’ जैसे शब्द हटाने के लिए से मना कर दिया है। निर्वाचन आयोग से मिले नोटिस के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह इसका पालन नहीं करेंगे। उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी के गीत से ‘जय भवानी’ हटाने की मांग करना महाराष्ट्र का अपमान है। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने नये चुनाव चिह्न ‘मशाल’ को लोकप्रिय बनाने के लिए एक गीत तैयार किया है। निर्वाचन आयोग ने इसमें से ‘हिंदू’ एवं ‘जय भवानी’ जैसे शब्द हटाने को कहा है। ठाकरे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने देवी तुलजा भवानी के आशीर्वाद से हिंदवी स्वराज की स्थापना की। हम देवी या हिंदू धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं। यह अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अपनी जन सभाओं में ‘जय भवानी’ और ‘जय शिवाजी’ कहने की परंपरा जारी रखेंगे।

उद्धव गुट ने किया पलटवार

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग हमारे खिलाफ कार्रवाई करता है, तो उन्हें हमें बताना होगा कि उन्होंने उस समय क्या किया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए लोगों से ‘जय बजरंग बली’ कहने और ईवीएम का बटन दबाने को कहा था। (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने लोगों से कहा था कि वे अयोध्या में रामलला के दर्शन मुफ्त में करने के लिए बीजेपी को वोट दें। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि क्या कानून बदल दिए गए हैं और क्या अब धर्म के नाम पर वोट मांगना ठीक है।

तब ठाकरे को आयोग ने रोक दिया था

आयोग ने हमारे पत्र और हमारे द्वारा भेजे गए स्मरण-पत्र का जवाब नहीं दिया है। स्मरण-पत्र में हमने कहा था कि अगर कानून बदले गए हैं तो हम अपनी चुनावी रैलियों में ‘हर-हर महादेव’ भी कहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता बालासाहेब ठाकरे को मतदान करने और चुनाव लड़ने से छह साल के लिए रोक दिया गया था क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व के लिए अभियान चलाया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

पीएम और गृहमंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं- उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ”मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कहा था ‘बजरंग बली की जय’ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर वो सत्ता में आए तो सभी अयोध्या में राम लला के ‘दर्शन’ के लिए ले जाया जाएगा. क्या ये आचार संहिता का उलंघन नही था? चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर क्या करवाई की ये हमे बताए”.

मैं ‘जय भवानी’ शब्द नहीं हटाऊंगा- उद्धव ठाकरे

शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ”हमें कल चुनाव आयोग से एक पत्र मिला, हमारी पार्टी का प्रतीक अब ‘मशाल’ है, हमने आगामी चुनावों के लिए ‘मशाल’ गाना लॉन्च किया. भारत के चुनाव आयोग ने हमसे दो शब्द हटाने के लिए कहा- ‘हिन्दू ये तेरा धर्म’ और ‘जय भवानी जय शिवाजी’. मैं चुनाव आयोग को बताना चाहता हूं कि मैं ‘जय भवानी’ शब्द नहीं हटाऊंगा.”

‘EC ने महाराष्ट्र के कुलदेवी का अपमान किया’

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के कुलदेवी का अपमान किया है. आज इन्होंने ये कहा है कि अपने गीत से ‘जय भवानी’ शब्द निकालिए. कल यह कहेंगे कि ‘जय शिवाजी’ भी बोलना बंद करें. हम चुनाव आयोग के सामने नहीं झुकेंगे अपने गीत में इस्तेमाल किए गए शब्दों को नहीं निकालेंगे. चुनाव आयोग पहले प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर कार्रवाई करें. “हिन्दू ये तेरा धर्म” शब्द पर भी चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई है.

शिवसेना (UBT) का थीम सॉन्ग- तानाशाही के खिलाफ मशाल जलेगी

शिवसेना (UBT) ने सोशल मीडिया हैंडल पर 16 अप्रैल को थीम सॉन्ग शेयर किया। इस वीडियो के अंत में शिवसेना सपोर्टर जय भवानी का नारा लगा रहे हैं। यह वीडियो शेयर करते हुए पार्टी ने लिखा कि तानाशाही के खिलाफ शिवसेना की मशाल जलेगी।वीडियो के अंत में ठाकरे परिवार की तीन पीढ़ियों को एक साथ देखा जा सकता है। यहां बाला साहेब ठाकरे के साथ उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे भी नजर आ रहे हैं।

चुनाव आयोग AAP नेता आतिशी को भी नोटिस भेज चुका है

चुनाव आयोग ने 5 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सिंह को भी नोटिस जारी किया था। आतिशी ने कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला था और ऐसा नहीं करने पर जेल जाने की धमकी दी गई थी। चुनाव आयोग ने इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े किए थे।तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर भी चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा था। कांग्रेस के गणेश गोदियाल और रघुबीर सिंह कदियान को भी चुनाव आयोग नोटिस भेज चुका है।

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