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भारत

Lok Sabha Elections:मोदी जून में प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे-शशि थरूर बोले

नई दिल्ली – वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्र पर दिए बयान का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि देश को सितंबर, 2025 तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। चार जून के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे।

हम पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं

थरूर ने ये भी कहा कि हम पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं, राजनीति करने नहीं। वे (भाजपा) अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर राजनीति कर रहे हैं। क्या मुझे भगवान राम को भाजपा वालों को समर्पित कर देना चाहिए।दरअसल, तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा उठा रहे हैं। शनिवार (11 मई) को उन्होंने कहा कि अगले साल (2025 में) मोदी 75 साल के हो जाएंगे। भाजपा 75 की उम्र में रिटायरमेंट की बात कहती है। इस पर अमित शाह ने कहा कि मोदी अपना तीसरी टर्म पूरा करेंगे। 75 साल में रिटायरमेंट की बात भाजपा के संविधान में नहीं है।

PM मोदी ने 10 सालों में नहीं की प्रेस कांफ्रेंस

ओपेन डिबेट वाली चिट्ठी पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि रिटायर्ड जजों और पत्रकारों ने चिट्ठी लिखकर सकारात्मक चर्चा की बात कही है. इसको राहुल गांधी ने तुरंत स्वीकार कर लिया, लेकिन पीएम मोदी ने दस साल हो गए एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी स्क्रिप्ट लेकर इंटरव्यू देते हैं. हम तो तैयार हैं, पीएम को आने दीजिए. हम असली विषय पर बात करेंगे. राम मंदिर जैसे साइड इश्यू पर बात नहीं करेंगे.

लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित

मोदी जून 2024 (जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे) के बाद प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे।” जब थरूर से पूछा गया कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया, तो उन्होंने “गठबंधन की राजनीति की मजबूरियों” का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन की राजनीति में पार्टी को अपेक्षाकृत कम सीट पर चुनाव लड़ना पड़ता है।” कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा है।थरूर ने दावा किया कि भाजपा ने सरकार में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया। उन्होंने कहा, “सभी मुस्लिम नेता जो (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी के कार्यकाल में (सत्ता का) हिस्सा थे, उन्हें (प्रधानमंत्री के रूप में) मोदी के पहले कार्यकाल के बाद चरणबद्ध तरीके से हटा दिया गया।” थरूर ने कहा, “सहयोगी दल हमारे साथ खड़े हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के उलट हमारे बीच आपसी सम्मान है, जबकि अकाली दल और बीजद (बीजू जनता दल) ने भाजपा को छोड़ दिया है।”

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