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विज्ञान

कैसे हुआ था पृथ्वी का निर्माण -जाने


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नई दिल्ली – हमारी पृथ्वी का निर्माण (Formation of Earth) कैसे हुआ था. सदियों से चल रहे वैज्ञानिक अध्ययनों और अंतरिक्ष अवलोकनों के आधार पर विज्ञान ने कुछ हद तक इसगुत्थी को सुलझाने का प्रयास किया है. पृथ्वी का निर्माण का इतिहास हमारे सौरमंडल (Solar System) के इतिहास से अलग नहीं हैं. लेकिन क्या हम पूरी तरह से जानसके हैं कि पृथ्वी कैसे बनी थी और उसे बनाने में किन किन प्रक्रियाओं और कारकों का योगदान था. आइए जानते हैं कि इस बारे में क्या कहता है विज्ञान?

जल्दी ही गैस और धूल का बादल एक विशाल गेंद में बदल गया और गुरुत्व के प्रभाव से यह और बड़ा होता गया. गैस और धूल के कणों के बीच अंतरक्रिया होने लगी और गेंद के अंदर शक्तिशाली नाभकीय प्रतिक्रिया होने लगी और बादल की गेंद सूर्य जैसे तारे में तब्दील हो गई. जबकि धूल और गैस का बहुत सारा हिस्सा सूर्य का चक्कर लगाने लगा जिसे ग्रह निर्माण करने वाली चक्रिका (Protoplanetary Disk) कहते है.

अरबों साल पहले मिल्की वे गैलेक्सी के एक कोने में गैस और धूल का बादल घूम रहा था. इसमें किसी पुराने तारे के अवशेष भी थे जिसमें बहुत पहले सुपरनोवा विस्फोट हुआ था. गैस और धूल के कण तैरते रहे लेकिन वे शुरू में दूर दूर ही थे. लेकिन तभी पास के एक तारे में भी सुपरनोवा विस्फोट हुआ जिससे अंतरिक्ष में प्रकाश और ऊर्जा के झटके वाली तरंगे चारों ओर फैल गईं इससे इस बादल में गैस और धूल के कण पास पास आ गए.

इसी बीच एक और बड़ी घटना हुई. और पृथ्वी एक और विशाल पिंड टकरा गया जिससे पृथ्वी तो और ज्यादा बड़ी हो भी गई लेकिन इससे एक टुकड़ा भी दूर अंतरिक्ष में तैरने लगा जो बाद में हमारे ग्रह का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा बन गया. इस अवधारणा पर कुछ वैज्ञानिकों को आपत्ति भी है, लेकिन अभी यही धारणा सबसे मजबूत है. उस समय की पृथ्वी में ज्वालामुखी बहुत ज्यादा थे.

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