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फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव का आखिरी चरण, जानें क्यों इमैनुएल मैक्रों का पलड़ा भारी


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फ्रांस: फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान रविवार को हुआ। मुकाबला इमैनुएल मैक्रों और दक्षिणपंथी प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन के बीच है। सेंट्रलिस्ट इमैनुएल मैक्रों अपने दूसरे कार्यकाल के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि सत्ता में रहते हुए उन्हें काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा। फ्रांस में 20 साल से कोई भी राष्ट्रपति दोबारा नहीं चुना गया है।

फ्रांस की राजनीति का असर यूक्रेन पर स्पष्ट नजर आएगा। फ्रांस ऐसा देश है जिसने रूस के खिलाफ आगे बढ़कर प्रतिबंध लगाए। इसके अलावा उसने बातचीत के जरिए हल निकालने के भी प्रयास किए। फ्रांस में बहुत सारे लोग ले पेन को कट्टरपंथी मानते हैं। मुसलमानों के हिजाब पर रोक हो या फिर रूस के साथ समझौते, लोग इन मामलों को लेकर ली पेन को लोकतंत्र विरोधी बताते हैं।

धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार मैरिन ली पेन की राह मुश्किल नजर आ रही है। लगभग सभी ओपीनियन पोल में 44 वर्षीय मैक्रों की जीत का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि वह कितने मतों के अंतर से अपनी प्रतिद्वंद्वी को हरा सकते हैं, इसे लेकर असमंजस बरकरार है।

इससे पहले 10 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में 10 अन्य उम्मीदवार भी इस दौड़ में शामिल थे। चुनाव के दौरान, वामपंथी रूझान रखने वाले वे लोग असमंजस की स्थिति में हैं जो मध्यमार्गी माने जाने वाले मैक्रों को पसंद नहीं करते, लेकिन वे धुर दक्षिणपंथी ली पेन के पक्ष में भी मतदान नहीं करना चाहते।

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