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लाइफस्टाइल

क्या आप भी पीते हैं ज्यादा उबली चाय?आयुर्वेद डॉक्टर ने बताया चाय पीने के नुकसान

नई दिल्ली – हम भारतीयों को चाय पीना खूब पसंद है. चाय भारत में पिए जाने वाला सबसे मुख्य पेय पदार्थ में एक है. हम भारतीय आधिकांश चाय को चाय नही एनर्जी ड्रिंक समझ कर पीते है. यहीं कारण है कि आधे हिंदुस्तान की नींद चाय से खुलती है. लेकिन यह चाय कभी कभी सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित होता है. आयुर्वेद में कई ऐसे बीमारी के रोगियों को चाय पीना पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया जाता है.इस संबंध में हजारीबाग के सदर अस्पताल के आयुष विभाग के डॉ. मकरंद कुमार (BAMS, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज बेगूसराय बिहार, अनुभव 24 वर्ष) ने कहा कि हम में से अधिकांश लोग चाय का सेवन करते हैं. लेकिन, चाय कभी-कभी नुकसानदायक साबित होता है. इसके कई साइड इफेक्ट है जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलते हैं.

चाय फायदेमंद भी

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन केअनुसार, काली चाय में टैनिन, कैटेचिन, थियो फ्लेविन और फ्लेवोनोइड जैसे पॉली फेनोलिक जैसे तमाम कंपाउंड्स होते हैं. इसमें नैचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों यानी फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. लेकिन टैनिन की ज्यादा मात्रा शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है.

दूध वाली चाय को बार-बार उबालने से क्या होगा

दरअसल, चाय पीने से दिमाग एक्टिव हो जाता है. वहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसके साथ-साथ वजम और ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार चाय को ज्यादा देर तक उबालना नहीं चाहिए क्योंकि चाय में टैनिन होता है. इसमें फलों, सब्जियों, नट्स और पॉलीफेनोलिक बायोमोलेक्यूल्स भी शामिल हैं.बता दें, ये शरीर में प्रोटीन, खनिज, सेल्युलोज, कार्बोहाइड्रेट के बिना सड़ाए शरीर के लिए उपयोगी बनाते हैं. यदि चाय को बहुत देर तक उबाला जाएगा तो आप इन सभी को नष्ट कर देंगे. दूध से बनी चाय को 4-5 मिनट से अधिक गर्म करने से शरीर में आयरन के अवशोषण में दिक्कत होगी. सबसे महत्वपूर्ण बात कि लंबे समय तक चाय को उबालने से इसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. वहीं, कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.

चाय के जगह ग्रीन टी

ज्यादा चाय पीने से एनीमिया, दांत पीले पड़ना, डिहाइड्रेशन होना आदि भी देखे गए हैं. इसलिए अगर कोई चाय पीना चाहता है तो वह समान चाय की बजाय है ग्रीन टी का सेवन करें. यह कई रोगों में फायदेमंद साबित होता है. लेकिन, यह अवश्य ध्यान दें की अत्यधिक इसका भी सेवन न करें

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