मुंबई – बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन अपनी आखिरी फिल्म ‘दसवीं’ के बाद बड़े पर्दे पर ‘घूमर’ लेकर उतरे। फिल्म में अभिषेक बच्चन के अलावा शबाना आजमी सैयामी खेर और अंगद बेदी मुख्य कलाकारों के तौर पर नजर आ रहे हैं। फिल्म आज 18 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म की कहानी जिंदगी के एक ऐसे संघर्ष की है जहां कोई भी एक नॉर्मल इंसान हार मान जाए या टूट जाए, लेकिन जब उसी संघर्ष में किसी ऐसे इंसान का साथ मिल जाता है जो आपको जिंदगी के असल मायने सिखाए तो हारने वाले इंसान की सारी परेशानियां हल हो जाती है और उसको जीने की एक नई वजह और सुबह मिल जाती है।
आर बाल्की एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने हमें कुछ अद्भुत फिल्में दी हैं और दर्शक हमेशा उनके अगले काम का इंतजार करते हैं। वह हमेशा मेज पर कुछ नया लाते हैं जो मनोरंजक और रोमांचकारी होता है। खैर, वह अपनी अगली ‘ घूमर ‘ के साथ वापस आ गए हैं जो आपके नजदीकी सिनेमाघरों में चल रही है और इस बार भी उन्होंने हमें निराश नहीं किया है!
अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan Ghoomer) भी इस फिल्म में एक ऐसा ही किरदार निभा रहे हैं जो किसी के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा बन सकता है। एक ऐसा किरदार जो खुद तो कहीं अंधेरों की गहराइयों में खो गया है, लेकिन उसे दूसरे के जिंदगी को रोशन करना आता है। फिल्म में वो अपनी एक ऐसी गलती की भरपाई कर रहे हैं, जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं।बाल्की अपने शानदार फॉर्म में हैं और किरदारों को दर्शकों से जोड़ने में कामयाब रहे हैं। उनका, राहुल सेनगुप्ता और ऋषि विरमानी का लेखन मजबूत है और पटकथा सरल और सरल है। यह फिल्म ‘आत्म-विश्वास’ और ‘कभी हार न मानने’ का संदेश देती है। फोटोग्राफी के निर्देशक विशाल सिन्हा ने अपने सिनेमाई लेंस के माध्यम से एक खूबसूरत दुनिया दिखाई है। अमित त्रिवेदी अपने संगीत और बैकग्राउंड स्कोर से फिल्म में चार चांद लगाते.
सैयामी खेर फिल्म में अनिका का किरदार निभा रही हैं, एक क्रिकेटर बनना चाहती हैं और इंडिया के लिए खेलना चाहती है। उसकी दादी यानी शबाना आजमी और अनिका का पूरा परिवार उसका साथ देता है। अनिका एक शानदार बल्लेबाज है, जो अपने दम पर महिला इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्ट भी हो जाती है, लेकिन उसके साथ एक ऐसा हादसा हो जाता है जो उससे तोड़ देता है, जिससे बाद उसकी जिंदगी में एक ऐसे इंसान यानी अभिषेक बच्चन की एंट्री होती जो उसकी जिंदगी को बदल देता है। वो कैसे इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
हर बार एक चौंकाने वाला अलहदा विषय चुनना बाल्कि की खासियत रही है, फिर वह एक अधेड़ शेफ की प्रेम कहानी ‘चीनी कम हो’, या बचपन में बुजुर्ग दिखने वाले प्रोजेरिया ग्रस्त बच्चे की कहानी ‘पा’, जेंडर रोल की अदला-बदली वाली की ‘ऐंड’ का हो या मूक स्टार और उसके वॉयसओवर आर्टिस्ट वाली ‘शमिताभ’, जिसे वह अपने ह्यूमर और हल्के-फुल्के अंदाज में सुनाते हैं। यहां भी उन्होंने एक विस्मित करने वाली बेहद इंटेस कहानी चुनी है, फिर भी हंसी मजाक के पल खूब जुटाए हैं। अनीना के एक हाथ वाले क्रिकेटर बनने के इस सफर में उसका द्रोणाचार्य बनता है, अतरंगी पदम सिंह सोढ़ी उर्फ पैडी (अभिषेक बच्चन), जो शराब में डूबा पूर्व टेस्ट क्रिकेटर है। वहीं, घर पर उसका पूरा परिवार, खासकर दादी शबाना आजमी और बचपन का प्यार जीत (अंगद बेदी) सपोर्ट सिस्टम बनते हैं।
लेकिन फिल्म में कमियां भी हैं। जैसे, फिल्म देखते वक्त कई सवाल मन में उठते हैं कि क्या क्रिकेट नियमों के आधार पर यह संभव भी है कि कोई एक हाथ वाला खिलाड़ी नैशनल टीम में चुना जा सके? गोल गोल घूमकर बॉलिंग कर सके? बाल्कि ने उदाहरणों के जरिए इन संशयों को दूर करने की कोशिश भी की है, लेकिन उनके तर्क बहुत कंविंसिंग नहीं लगते। सेकंड हाफ प्रिडिक्टेबल तो है ही, क्लाइमैक्स का क्रिकेट वाला हिस्सा बेहद नाटकीय हो गया है। जिस तरह लोग विमंस क्रिकेट के दीवाने दिखाए गए हैं, वह हकीकत से दूर लगता है।
फिल्म की कहानी बहुत दमदार है। साथ ही फिल्म की स्टोरीलाइन आपको आखिर तक ये देखने पर मजबूर भी करती हैं कि क्या अनिका अपने संघर्ष को पूरा कर पाती है और जिंदगी की इस जंग में जीत पाती है। हालांकि, फिल्म का क्लाइमैक्स काफी सरप्राइजिंग हैं, जो आपके चेहरे पर एक स्माइल तो जरूर लाएगी।‘घूमर’ (Ghoomar Review) फिल्म की कहानी के साथ-साथ इसमें नजर आने वाले सभी किरदार भी काफी जोरदार हैं, जिन्होंने फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। फिल्म के यही दमदार किरदार आपको अंत तक बांधे रखते हैं।इसके अलावा फिल्म में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की एंट्री पर आप दिल खोलकर हसेंगे। ये काफी लंबे समय बाद हो रहा है कि फिल्म में बच्चन बाप-बेटा साथ नजर आने रहे हैं। हमारी ओर से इस फिल्म को 5 में से 4 स्टार मिलते हैं।