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BPSL की पूर्व निदेशक आरती सिंघल को 5,500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले मे मिली जमानत


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नई दिल्ली: दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को 5,500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) की पूर्व निदेशक आरती सिंघल को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश सुमित दास की अदालत ने पाया कि सिंघल को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 437 और धारा 212(6) के प्रावधानों के तहत महिलाओं को विशेष दर्जा का लाभ दिया जाना चाहिए

उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए एक निष्क्रिय महिला निर्देशक होने के नाते। सिंघल की ओर से पेश हुए विजय अग्रवाल ने तर्क दिया था कि वह 61 वर्षीय और एक गृहिणी थीं और दिन-प्रतिदिन के कार्यालय मामलों में शामिल नहीं थीं और केवल दस्तावेजों और चेक पर हस्ताक्षर किए थे। वकील ने तर्क दिया कि एक गृहिणी होने के नाते, उसे कंपनी के काम के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) मामले की जांच कर रहा है। सिंघल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और एक दिन बाद गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था।

अदालत ने कहा कि एसएफआईओ द्वारा सिंघल की कोई स्वतंत्र भूमिका रिकॉर्ड पर नहीं लाई गई है, सिवाय इसके कि उसने अपने पति के साथ संयुक्त रूप से चेक पर हस्ताक्षर किए हैं या डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) जारी करने के लिए बैंक को निर्देश जारी किए हैं, और इसलिए उसे जमानत पर रिहा कर दिया। अदालत ने आरती सिंघल को इतनी ही राशि के मुचलके के साथ 10 लाख रुपये का जमानती मुचलका भरने को कहा। अदालत ने यह भी शर्त रखी कि उसे अगले 20 दिनों तक रोजाना एसएफआईओ कार्यालय जाना होगा।

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