प्रेग्नेंसी में नौवें महीने में सीढ़ी चढ़ने और 3 योगासन करने से मां और बच्चा दोनों रहेंगे हेल्दी
नई दिल्ली – औरत प्रेगनेंट होती है, तो उसे कई तरह की सलाह मिलती हैं. ऐसे मत बैठो, ये मत करो, वो मत खाओ, ऐसे सोना है वगैरह-वगैरह.अमूमन हर औरत को इस तरह की सलाह सुननी पड़ती हैं.प्रेग्नेंसी ही नहीं बल्कि नॉर्मल डिलीवरी को लेकर भी औरतों को कई तरह की एडवाइस दी जाती हैं जिनमें से एक है कि नौवें महीने में सीढ़ियां चढ़ने से नॉर्मल डिलीवरी होती है.सीढ़ियां चढ़ने से क्या सच में नॉर्मल डिलीवरी होती है? इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि क्या नौवें महीने में सीढ़ियां चढ़ने से डिलीवरी में कोई मदद मिलती है या नहीं.
सीढ़ी चढ़ने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी नहीं
डॉक्टर अनीता सबरवाल आनंद का कहना है कि प्रेग्नेंसी में सीढ़ियां चढ़ना अच्छा होता है. इस समय एक्टिव रहने के लिए आप ऐसा कर सकती हैं और इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहता होता है.जो महिला अपनी पूरी प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करती है जिसमें सीढ़ियां चढ़ना भी शामिल होता है, वो लेबर के स्ट्रेस और शारीरिक थकान एवं डिलीवरी को अच्छे से हैंडल कर पाती है.सिर्फ सीढ़ी चढ़ने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी नहीं दी जा सकती है.आपकी डिलीवरी किस तरह से होगी, यह आपके डॉक्टर से मिल रहे सपोर्ट पर भी निर्भर करता है.
योग केवल प्रेगनेंसी के 9 महीनों में ही नहीं बल्कि उससे पहले और उन 9 महीनों के बाद तक किया जाता है, जिसे प्रीनाटल और पोस्टनटाल योग कहा जाता है. गर्भावस्था के दौरान अन्य व्यायामों की तुलना में योग संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है और मां को डिलीवरी के दौरान धैर्य और स्थायित्व प्रदान करता है. वहीं गर्भावस्था के दिनों में ये तीन योगासन काफी असरदार साबित होते हैं.
तितली आसन
उन्होंने कहा कि प्रेग्नेंसी के दिनों में इस अभ्यास से बच्चे को पोषण देने के लिए गर्भाशय में रक्त की आपूर्ति में मदद करता है. इस योगासन को करने के लिए बिस्तर पर सीधा बैठकर दोनों पैरों के घुटनों को अंदर की तरह मोड़ें. अब पैरों के दोनों तलों को आपस में जोड़ें और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें. अब अपनी जांघों को हिलाएं. इसे ही बटरफ्लाई पोज कहा जाता है.
त्रिकोणासन
नेहा आगे बताती हैं कि इस योगासन के अभ्यास से गर्भाशय में रक्त की आपूर्ति होती है और डिलीवरी के समय दिक्कत नहीं होती. इस योगाभ्यास को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं, फिर पैरों के बीच थोड़ी दूरी बना लें और गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को दाएं ओर को झुकाएं. फिर अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी नजरें ऊपर की ओर रखें.
मलासन
उन्होंने अगला आसन बताते हुए कहा किइस योगाभ्यास को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं और फिर अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें. उसके बाद अपने हाथों को जोड़ लें और धीरे से नीचे बैठें. सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें. अपनी दोनों कोहनियों को अपने जांघों के बीच करीब 90 डिग्री के एंगल पर ले जाएं. कुछ मिनट इस पोजीशन में रहने के बाद वापस अपनी अवस्था में आ जाएं.