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मारियुपोल के और भीतरी क्षेत्र तक घुसे रूसी सैनिक, यूक्रेनी अधिकारियों ने लगाई मदद की गुहार


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यूक्रेन: रूस दिन पर दिन यूक्रेन पर हमला तेज करते जा रहा है। रविवार को रूसी सेना से चारों ओर से घिरे और युद्ध से सबसे अधिक प्रभावित यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल में रूस के सैनिक और भीतरी क्षेत्र तक प्रवेश कर गए हैं। मारियुपोल में भीषण लड़ाई के कारण एक प्रमुख इस्पात संयंत्र को बंद कर दिया गया है और स्थानीय अधिकारियों ने पश्चिमी देशों से और अधिक मदद की गुहार लगाई है।

मारियुपोल के पुलिस अधिकारी माइकल वर्शनिन ने पश्चिमी नेताओं को संबोधित एक वीडियो में आस पास सड़क पर मलबे बिखरे दृश्य को दिखाते हुए कहा, ‘बच्चे, बुजुर्ग मर रहे हैं। शहर को नष्ट कर दिया गया है और धरती से इसका नामो निशान मिटा दिया गया है।’ ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ से यूक्रेन के एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों दक्षिणी शहर मायकोलाइव में हुए एक रॉकेट हमले को लेकर जानकारी भी सामने आनी शुरू हो गई है, जिसमें 40 नौसैनिक मारे गए थे।

रूसी सेनाओं ने पहले ही मारियुपोल का संपर्क अजोव सागर से काट दिया है। यूक्रेन के गृह मंत्री के सलाहकार वादिम देनिसेंको ने कहा कि यूक्रेन और रूसी सेना ने मारियुपोल में अजोवस्टल लौह संयंत्र को लेकर लड़ाई लड़ी। देनिसेंको ने टेलीविजन पर कहा, ‘यूरोप में सबसे बड़े धातुकर्म संयंत्रों में से एक वास्तव में नष्ट हो रहा है।’

मारियुपोल नगर परिषद ने इसके कुछ समय बाद दावा किया कि रूसी सैनिकों ने शहर के हजारों निवासियों ज्यादातर महिलाओं और बच्चों को रूस में जबरन स्थानांतरित कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि लोगों को कहां ले जाया गया और ‘एपी’ इस दावे की तुरंत पुष्टि नहीं कर सकता। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि मारियुपोल की सहायता करने वाली नजदीकी सेना पहले से ही ‘दुश्मन की भारी ताकत’ के विरुद्ध संघर्ष कर रही थी और ‘वर्तमान में मारियुपोल का कोई सैन्य समाधान नहीं है।’

जेलेंस्की ने रविवार तड़के कहा कि मारियुपोल की घेराबंदी इतिहास में रूसी सैनिकों द्वारा किए गए युद्ध अपराध के रूप में दर्ज होगी। युद्ध में रूसी सैनिकों की मौत के आंकड़े में भिन्नता है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक इस युद्ध में रूस के हजारों सैनिक मारे गए हैं। 2008 में जॉर्जिया के साथ युद्ध के दौरान पांच दिनों की लड़ाई में रूस के 64 सैनिकों की जान गई थी। अफगानिस्तान में 10 वर्षों में लगभग 15,000 और चेचन्या में लड़ाई के वर्षों में 11,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए।

रूसी सेना ने शनिवार को कहा कि उसने युद्ध में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया। मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि किंजल मिसाइलों ने इवानो-फ्रैंकिवस्क के पश्चिमी क्षेत्र में यूक्रेन की मिसाइलों और विमान से दागे जाने वाले गोला-बारूद के एक अंडर ग्राउंड गोदाम को नष्ट कर दिया।

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