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पाकिस्तान में इमरान खान की कुर्सी लगी दाव पर, सांसदों ने किया खुल कर विरोध


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पाकिस्तान : संकट में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को गुरुवार को करारा झटका लगा। सत्ताधारी पार्टी के कई सांसदों ने गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव से पहले उनके लिए अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे इस बात को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई कि क्या पूर्व क्रिकेटर सत्ता में बने रह पाएंगे। एक दिन पहले इमरान के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को सरकार में अपने सहयोगियों के विरोधियों के प्रति झुकाव देखकर अपने गठबंधन सहयोगियों को खोने का खतरा है।
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उनकी सरकार पर तलवार लटकती नजर आ रही है। कुछ सांसदों ने खुलकर उनका विरोध किया है।

आज तक किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल कभी पूरा नहीं किया है। परमाणु सशस्त्र पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल का खतरा बढ़ रहा है क्योंकि विपक्ष वोटिंग के जरिए इमरान खान को बाहर करना चाहता है। पिछले हफ्ते संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिस इस महीने के आखिर में वोटिंग हो सकती है।

इमरान की पार्टी के एक सांसद राजा रियाज ने स्थानीय जियो न्यूज टीवी को बताया कि प्रधानमंत्री के साथ हमारे मतभेद हैं। 20 से अधिक सांसदों के पाला बदलने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने विवेक के अनुसार मतदान करेंगे। तीन और सांसदों ने रियाज का समर्थन किया और जियो टीवी ने इस्लामाबाद में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक कार्यालय में मौजूद सत्ताधारी पार्टी के कई सदस्यों के रिकॉर्डेड फुटेज दिखाए। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपनी सरकार को बचाने के लिए किसी ब्लैकमेलिंग में नहीं पड़ेंगे। हम दलबदल की इस संस्कृति को अस्वीकार करते हैं।

गठबंधन सहयोगियों और असंतुष्टों के बिना इमरान खान की पार्टी, जिसके पास निचले सदन में 155 सीटें हैं, सत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी 172 सीटों से कम हो जाएंगी। संयुक्त विपक्ष में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) जैसी प्रमुख पार्टियां शामिल हैं और निचले हिस्से में उनकी ताकत लगभग 163 है।

विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इमरान खान पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के साथ अब निभ नहीं रही है, जिसका समर्थन वे किसी भी राजनीतिक दल के लिए सत्ता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। पूर्व क्रिकेट स्टार की नई पार्टी ने चार साल पहले इसी तरह सरकार बनाई थी। हालांकि सेना इस तरह के किसी भी गठजोड़ से इनकार करती है।

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