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यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत को फ्रांस ने दी नसीहत!


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नई दिल्ली – यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाइयों के चलते बढ़े तनाव के बीच भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने गुरुवार को कहा था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी आवाज मायने रखती है। उन्होंने कहा था कि भारत की आवाज बहुत महत्वपूर्ण है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी बड़ी जिम्मेदारी निभाने का माद्दा रखता है। मेरा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने का प्रबल समर्थक है। भारत एक ऐसी आवाज है जिसे दुनिया सुनती है.

इस बीच एक बार फिर फ्रांस ने कहा है कि रूस के मुद्दे पर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अधिक सशक्त भूमिका निभाए. भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने मंगलवार को कहा कि फ्रांस चाहता है कि भारत इस मसले पर अपना रुख बिना लाग-लपेट के सबके सामने रखे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फ्रांस यूक्रेन में रूसी हमले के बाद उत्पन्न मानवीय संकट को लेकर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव लेकर आया. इसी बीच फ्रांस के राजदूत ने भारत को लेकर ये बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि भारत इस मसले पर साफ-साफ अपनी बात रखे.’

एक बातचीत में फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि फ्रांस स्वायत्तता पर भारत के फोकस को समझता है और उसका सम्मान करता है. लेकिन यूक्रेन की कार्रवाई बेवजह की आक्रामकता थी और फ्रांस को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अगली बैठकों में भारत और अधिक मजबूती से अपनी बात रखेगा. उन्होंने कहा कि भारत यूएनएससी में एक शक्तिशाली आवाज है इसलिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आने वाली बैठकों में उसका वोट उसके शब्दों से मेल खाता हो.

भारत ने अब तक संयुक्त राष्ट्र की अलग-अलग संस्थाओं में यूक्रेन से संबंधित सभी 6 प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया है. भारत ने यूक्रेन में रूसी हमले की भी अब तक निंदा नहीं की है. हालांकि, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून, देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान जरूर किया है.

यूरोपीय यूनियन की प्रेसिडेंसी फिलहाल फ्रांस के पास है और भारत के साथ भी फ्रांस के रिश्ते काफी मजबूत हैं. राजदूत ने कहा कि फ्रांस रूस के साथ कोई युद्ध नहीं कर रहा है और रूस के लोगों के साथ उसका पुराना संबंध है. लेनिन ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन को मानवीय सहायता के प्रस्ताव पर यूएनएससी में चल रही चर्चा पर अधिक से अधिक देशों का समर्थन मिलेगा.

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