भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में पाकिस्तान को लिया निशाने पे
नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) में अपने जवाब में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। भारत ने कहा कि बहुपक्षीय मंचों पर द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल होने के पाकिस्तान के प्रयास नए नहीं हैं। लेकिन, ये तेजी से अधिक हताश, निराधार और दुर्भावनापूर्ण हो गए हैं।यूएनएचसीआर में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने इस असलियत की अनदेखी की है कि वह आतंकवादी संगठनों को पोषित करने के लिए अपनी ही नीतियों का शिकार हो गया है।पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए भारत ने कहा कि इस देश के शीर्ष नेतृत्व ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि उसकी सैन्य और खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी समूह बनाए हैं और उन्हें अफगानिस्तान और जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए तैयार किया है। इसके बाद भी यह भारत में मानवाधिकारों के बारे में टिप्पणी करने का दुस्साहस करता है।
यूएनएचआरसी में भारत ने कहा कि साल 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। साल 2016 के पठानकोट आतंकी हमले की विभीषिता दुनिया को आज भी याद है। भारत ने आगे कहा कि हम सब इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि इन आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले लोग कहां से आते हैं।
इस दौरान पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से किए गए पुलवामा हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवाद को समाप्त करने की वैश्विक मांग को पूरा करने में असफल रहा है। यह हमारे क्षेत्र में मानवाधिकारों और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करने वाले आतंकी संगठनों की सुरक्षित पनाहगाह है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में ‘गरीबी उन्मूलन और विकास के लिए संगठन’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ने अफगानिस्तान में मौजूदा मानवीय संकट के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उसने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट द्वारा पेश रिपोर्ट पर पाकिस्तान की तीखी निंदा की।