Ukraine Russia War :UNSC में मतदान,भारत चीन मतदान से खुद को रखा दूर
नई दिल्ली – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया है. इससे पता चलता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हित और उसके मूल विश्वास के बीच संतुलन बना रहा है. हालांकि रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया है. इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में एक मत पड़ा. चीन (China), भारत और संयुक्त अरब अमीरात मतदान से दूर रहे.
दोनों के फैसले के पीछे का कारण एक समान नहीं है. दोनों देशों ने ही संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए यूक्रेन का समर्थन किया है, लेकिन चीन ने रूसी कार्रवाई का बचाव किया है. जबकि भारत ने ऐसा बिलकुल नहीं किया. चीन के राजदूत झांग जून ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, ‘हम मानते हैं कि एक देश की सुरक्षा दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकती है और क्षेत्रीय सुरक्षा को सैन्य गुटों को बढ़ाने या विस्तार करने पर निर्भर नहीं होना चाहिए.’
स फोन कॉल से कुछ घंटे पहले ही भारत में यूक्रेन के राजदूत ने मदद मांगी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र के लिए कहा था कि वह दुनिया के प्रभावशाली नेता हैं. उन्हें यूक्रेन के मसले पर पुतिन से बात करनी चाहिए. इसके कुछ घंटे बाद ही पीएम ने पुतिन से फोन पर बात भी की. चीन के मतदन से दूर रहने के मसले पर न्यूयॉर्क में एक भारतीय राजनयिक ने कहा
रूस के साथ अपने लंबे सामरिक संबंध और चीन के साथ इसकी लगातार बढ़ती निकटता को देखते हुए, भारत ने मतदान से दूर रहकर अपने राष्ट्रीय हित को चुना है. भारत ने यूक्रेन के हालातों पर चिंता जताई है. साथ ही अपने स्पष्टीकरण में सभी सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में निहित सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हिंसा बंद करने के लिए कह चुके हैं और उन्होंने रूस से कूटनीति और बातचीत के माध्यम से स्थिति को हल करने की अपील की है.