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9/11 Attack : आज ही के दिन दहल उठा था अमरीका, हुआ था सबसे बड़ा आतंकी हमला, क्या हुआ था उस दिन वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर में, जानें सब कुछ


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वाशिंगटन – साल 2001 यानि 20 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका खतरनाक आतंकी हमलों से कांप उठा था। 11 सितंबर 2001 अमेरिका के इतिहास में दर्ज है। इस दिन दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसने 2996 लोगों की जान चली गई थी। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था।

इस आतंकी हमले को आज 20 पूरे हो गए हैं। ये वो आतंकी हमला था जिसने न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के उस चेहरे से मिलवाया था जिससे उस समय भारत जूझ रहा था। 50 साल बाद भी अमेरिका इस दर्द को शायद ही भूला पाएगा। इन हमलों में न्‍यूयॉर्क स्थित वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर को प्रमुख तौर पर निशाना बनाया गया था। दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे, लेकिन सुबह 8:46 मिनट पर कुछ ऐसा हुआ कि अब तक सामान्य सी मालूम पड़ रही यह सुबह खौफनाक हो उठी।

एक के बाद एक विमानों ने ट्विन टावर पर हमला किया और कुछ ही घंटों में दोनों टावर्स ढह गए। न्‍यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर सात बिल्डिंग्‍स का एक कॉम्‍प्‍लेक्‍स था जिसमें से ज्‍यादातर ऑफिस और कमर्शियल प्रयोग के लिए थीं। वर्ष 1970 की शुरुआत में इन बिल्डिंग्‍स का काम पूरा हुआ और वर्ष 1973 में इसे खोला गया। 1,300 फीट की ऊंचाई वाली ये इमारतें अमेरिका की शान बन गई थीं. इन्‍हें दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग माना जाता था।

उस दिन 19 अल कायदा आतंकियों ने 4 पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाईजैक किए थे और जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा बिल्डिंग के अंदर काम करने वाले हजारों लोग भी मारे गए। हमला जिन विमानों से किया गया उनकी रफ्तार 987.6 किमी/घंटा से ज्यादा थी। दोनों इमारतें दो घंटे के अंदर ढह गईं, पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य क्षतिग्रस्त हुईं। इसके बाद उन्होंने तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया।

वाशिंगटन डीसी की ओर टारगेट किए गए चौथे विमान के कुछ यात्रियों एवं उड़ान चालक दल द्वारा विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास के बाद, विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में क्रैश होकर गिरा। हालांकि किसी भी उड़ान से कोई भी जीवित नहीं बच सका। इस खौफनाक हमले में 2996 लोगों की जान चली गई थीं, जिनमें 400 पुलिस अफसर और फायरफाइटर्स भी शामिल थे। मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे। पूरी इमारत करीब 2 घंटे में मलबे में तब्दील हो गई थी। मारे गए लोगों में केवल 291 शव ही ऐसे थे जिनकी ठीक से पहचान की जा सके।

इस दर्दनाक हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। फिर अमेरिका ने बदले की कार्रवाई करते हुए 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को मार गिराया था। हालांकि इसमें पूरे 10 साल लग गए। 13 सालों के बाद वहीं नई इमारत काम करने के लिए खोल दी गई। वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर को स्‍टील से तैयार किया गया था। इसकी डिजाइन ऐसी थी कि यह 200 मील प्रति घंटे से चलने वाली हवाओं का भी झेल सकता था। अगर कोई बड़ी आग लग जाती तो भी इस बिल्डिंग को कुछ नहीं होता. लेकिन यह बिल्डिंग जेट फ्यूल की गर्मी को झेल नहीं पाई थी. हालांकि कुछ लोग इसे मानने से इनकार कर देते हैं।

कहा जाता है कि जिस समय नॉर्थ टावर पर हमला हुआ, उस समय भगदड़ मच गई थी. लिफ्ट के लिए मची भगदड़ में करीब 200 लोग मारे गए थे। कुछ लोग साउथ टावर में थे और जैसे ही दूसरी फ्लाइट ने हमला किया, लोग अंदर लिफ्ट में ही रह गए। बिजली काट दी गई थी और इस वजह से यह त्रासदी और ज्‍यादा भयानक हो गई थी।

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