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भूकंप : अफगानिस्तान से दिल्ली तक कांपी धरती , रिक्टर स्केल पर 6.1 रही तीव्रता


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नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार दोपहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके का अहसास होते ही लोग घरों से बाहर के लिए दौड़े। ऑफिसों में काम कर रहे लोग भी कामकाज छोड़कर इमारतों से बाहर आ गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 रही। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर था। फिलहाल कहीं से भी जान-माल की हानि की सूचना नहीं है। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर समेत जम्मू-कश्मीर के पूंछ इलाके में भी महसूस हुए।

दिल्ली-एनसीआर में लगातार आ रहे हैं झटके

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ समय से लगातार भूकंप के झटके मसहूस किए जा रहे हैं। दिल्ली भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील जगहों में शुमार है इसलिए यहां हाल के दिनों में लगातार झटके आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर था। 6.1 तीव्रता वाले इस भूकंप की वजह से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

पंजाब, चंडीगढ़ सहित कई राज्यों में भूकंप के झटके

अभी-अभी बड़ी खबर सामने आई है। मिली खबर के अनुसार एक बार फिर चंडीगढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हिंदूकुश में 6.3 तीव्रता से झटके महसूस हुए। इसके साथ ही दिल्ली एनसीआर, पंजाब व हरियाणा में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। वहीं पाकिस्तान के कई हिस्सों में भूकंप में झटके महसूस किए गए हैं। अफगानिस्तान का फैजाबाद का इलाका भूकंप का केंद्र था।

जानमाल के नुकसान की खबर नहीं

इस भूकंप के कारण अभीतक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि, भूकंप के कारण लोग डरकर घरों से निकल गए। ऑफिस में काम करने वाले लोग भी खुले में आ गए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जापान में 7 से अधिक तीव्रता के आए भूकंप में कई लोगों की जान चली गई थी।

भूकंप का मुख्य केंद्र अफगानिस्तान

भूकंप का मुख्य केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद में था। हिंदुकुश क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र हिंदुकुश में जमीन से करीब 220 किलोमीटर नीचे था। दिल्ली एनसीआर के अलावा जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भी भूकंप के इन तेज झटकों को महसूस किया गया है।

सतह के 220 किलोमीटर नीचे आया झटका

भारत में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब में भूकंप के ये झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में सतह से 220 किलोमीटर नीचे आए इस भूकंप के कारण पाकिस्तान तक की धरती डोल गई है। उल्लेखनीय है कि हिंदूकुश इलाका भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है।

पाकिस्तान सहित उत्तर भारत में झटके

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर आया था। भूकंप के झटके उत्तर भारत में महसूस किए गए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की जियो न्यूज के अनुसार लाहौर, इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

एक दिन पहले अंडमान में आया था भूकंप

इससे पहले 10 जनवरी को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 4.1 मापी गई थी।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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