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युद्ध के बाद रूस पर लगी कई पाबंदियां, जानिए किन देशों ने क्या-क्या बैन किए

नई दिल्ली – यूक्रेन पर हमले के बाद पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. यूक्रेन की हालत बद से बदतर होती जा रही है. आम लोगों में भय का इस कदर माहौल है कि लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर मेट्रो के नीचे या अंडरग्राउंड जगहों में छुपते जा रहे हैं. हजारों लोग देश छोड़कर पड़ौसी देशों का रुख कर रहे हैं. इस बीच यूक्रेन में रूसी (Russia) हमले के बाद कई देशों ने मास्को (Moscow) पर कई तरह के प्रतिबंध (Sanctions ) लगा दिए हैं.

दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इसके लिए क्रेमलिन (Kremlin) पर दबाव बनाने की कोशिश के तहत ये प्रतिबंध लगाए हैं. आइए जानते हैं कि रूस पर विश्व ने क्या-क्या प्रतिबंध लगाए हैं और इसका कितना असर पड़ने वाला है.

ब्रिटेन –
ब्रिटेन सरकार ने भी शुक्रवार को पुतिन और लावरोव की सभी संपत्तियों को फ्रीज करने और अपने हवाई क्षेत्र रूसी अरबपतियों के जेट विमानों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. पुतिन और लावरोव के अलावा कई लोगों की ब्रिटेन में संपत्ति और बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का भी आदेश दिया गया है. इससे पहले भी ब्रिटेन ने रूस बैंक वीटीबी और रक्षा निर्माता कंपनी रोस्टेक की संपत्ति को फ्रीज कर चुका है.

कनाडा –
कनाडा ने पुतिन और लावरोव पर प्रतिबंध के अलावा रूस को स्विफ्ट पैमेंट सिस्टम से बाहर कर दिया है. इससे रूस को व्यापार करने में दिक्कत होगी. कनाडा ने रूस को मदद करने वाले बेलारूस पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. कनाडा ने रूस के करीब 60 प्रभावशाली व्यक्तियों और बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.

अमेरिका –
शुक्रवार को ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sargei Lavrov) पर प्रतिबंधों की घोषणा की. इनपर अमेरिका में ट्रैवल बैन रहेगा. इसके बाद बाइडेन ने रूस के चार बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके तहत रूस का तकनीकी आयात बाधित हो सकता है. इससे रूसी अरबपतियों पर असर पड़ेगा. रूस की बड़ी ऊर्ज कंपनी गजप्रोम (Gazprom) सहित 12 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया. इन प्रतिबंधों से इन कंपनियों को पश्चिम के बाजार से पूंजी जुटाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. रूस को निर्यात होने वाले रक्षा और एयरोनॉटिक्स उपकरणों पर भी प्रतिबंध लगाया गया. इसके अलावा रूस को मदद करने के कारण बेलारूस कई व्यक्तियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

यूरोपीय यूनियन –
यूरोपीय यूनियन ने भी पुतिन और लावरोव पर प्रतिबंध लगा दिया है. यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक में रूस पर कई कठोर कदम उठाए जाने का फैसला लिया गया है. यूरोपीय संघ ने रूस के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल (Josep Borrell) पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें निष्ठुर व्यक्ति कहा है. यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस का वित्तीय, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र प्रभावित होगा. इसके अलावा यूरोपीय संघ के बैंकों में रूसी व्यक्तियों के पैसा जमा करने की क्षमता भी प्रभावित होगी. यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों में रूस के कई व्यक्तियों को आने पर रोक होगी और इनकी संपत्ति भी यहां सीज होगी.

एशिया प्रशांत –
एशिया प्रशांत क्षेत्रों में रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को लेकर उस तरह की एकजुटता नहीं है जिस तरह पश्चिम के देशों में है. भारत इस तरह के किसी प्रतिबंधों में शामिल नहीं होगा. वहीं जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने यूक्रेन के यथास्थिति में बदलाव के लिए पुतिन की आलोचना करते हुए सेमीकंडक्टर के आयात को रोक दिया है. सेमीकंडक्टर की इस समय पूरे विश्व में किल्लत है. जापान के अलावा ताइवान भी रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने रूस के 25 व्यक्तियों, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं आदि को अब तक प्रतिबंधित कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने रूस को मदद देने के लिए चीन की आलोचना की है.

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