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Ukraine-Russia War से महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन्स


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नई दिल्ली – जैसा कि हम जानते ही हैं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो चुका है। यह कहना तो मुश्किल है कि यह युद्ध कब खत्म होगा लेकिन अगर यह लंबा चलता है तो इसका असर कई चीजों पर पड़ सकता है। इसका असर सिर्फ रूस और यूक्रेन तक ही सीमित नहीं रहेगा। इसका प्रभाव दूसरे देशों पर भी पड़ेगा। टेक जगत की बात करें तो भारत समेत दुनियाभर में स्मार्टफोन, कार और लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर कीमतें बढ़ सकती हैं। युद्ध के चलते दुनियाभर में चिपसेट की कमी देखी जा सकेगी।

रिसर्च फर्म Techcet के अनुसार आपको बता दें कि यूक्रेन नियॉन गैस का बड़ा प्रोड्यूसर है. इसका उपयोग चिप बनाने में यूज होने वाले लेजर के लिए होता है. ये U.S. semiconductor-grade neon का 90 परसेंट सप्लाई करता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि पैलेडियम (Palladium) का 35 प्रतिशत का सोर्स रूस ही है. इस रेयर मेटल का यूज भी सेमीकंडक्टर बनाने के लिए किया जाता है. इन दोनों के बीच तनाव होने से इन एलिमेंट्स का एक्सपोर्ट कम होगा और इससे बड़े प्लेयर जैसे Intel प्रभावित होंगे. जो 50 परसेंट नियॉन Eastern Europe से लेते हैं.

JPMorgan के अनुसार कंपनियां चीन, अमेरिका और कनाडा जाकर सप्लाई को बूस्ट कर सकती है. लेकिन, ये काफी धीमा हो सकता है. माइक्रो-चिप की शॉर्टेज साल 2021 की बड़ी समस्या रही है. कुछ एनालिस्ट ने अनुमान लगाया था कि ये दिक्कत 2022 में खत्म हो जाएगी. लेकिन, अब इस युद्ध के बारे ऐसा संभव होता दिख नहीं रहा है. अमेरिका ने जो रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है उसमें ये भी कहा गया है माइक्रोचिप के सप्लाई को रूस से बंद कर दिया जाएगा. लेकिन, जैसा की ऊपर बताया है रूस-यूक्रेन माइक्रोचिप बनाने के लिए लगने वाले प्रोडक्ट्स के मेजर सप्लायर है.

चिप बनाने वाली कंपनियां एक-दो हफ्ते तक इस दिक्कत को होल्ड करके रख सकती है. लेकिन, ज्यादा दिन तक अगर सप्लाई ठप रहती है तो इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा. इससे सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन तो प्रभावित होगा. साथ ही माइक्रोचिप वाले प्रोडक्ट्स जैसे स्मार्टफोन्स, कार भी महंगे हो जाएंगे.

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