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भारतराजनीति

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर मचा बवाल ,देखें वीडियो


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नई दिल्लीः 7 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण की वोटिंग के लिए भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। इस चुनाव के लिहाज से 42 सीटों वाले राज्य पश्चिम बंगाल पर सभी दलों की नजरें टिकी हुई हैं। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल INDI अलायंस/कांग्रेस के साथ है लेकिन पश्चिम बंगाल में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, इस बीच पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे कांग्रेस और तृणमूल के बीच तल्खियां और ज्यादा बढ़ सकती है।

टीएमसी का अधीर रंजन पर तगड़ा वार


बताया जा रहा अधीर रंजन चौधरी का कथित वीडियो एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान का है। इसमें वो कहते दिख रहे कि टीएमसी को वोट देने से अच्छा है कि बीजेपी को वोट दे दो। टीएमसी पहले से ही कांग्रेस नेता चौधरी से खफा है। अब पार्टी ने उनके नए वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें कांग्रेस के साथ सीट बंटवारा न होने के लिए जिम्मेदार ठहराया। यही नहीं उन्हें ‘बंगाल विरोधी’ भी करार दिया। टीएमसी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर कहा कि बंगाल में ‘बीजेपी की आंख और कान’ के रूप में काम करने के बाद, चौधरी अब बंगाल में बीजेपी का प्रचार भी कर रहे हैं।

अधीर रंजन का वीडियो वायरल

तृणमूल ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अधीर रंजन लोगों से कह रहे हैं कि टीएमसी को वोट देने से बेहतर है कि बीजेपी को वोट दिया जाए। तृणमूल ने अधीर रंजन पर हमला करते हुए कहा है कि सिर्फ कोई बांग्ला-विरोधी ही भाजपा के लिए प्रचार कर सकता है, जिसने बार-बार बंगाल के प्रतीकों का अपमान किया है।

टीएमसी ने चौधरी को बताया बीजेपी की बी-टीम का सदस्य

टीएमसी ने कहा कि अधीर रंजन का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि सुनें कैसे बीजेपी की ‘बी-टीम’ का सदस्य खुलेआम लोगों से भारतीय जनता पार्टी को वोट देने के लिए कह रहा है। बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जिसने बंगाल का वाजिब हक देने से इनकार कर दिया और हमारे लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया। एक बंगाल-विरोधी ही उस बीजेपी के लिए प्रचार कर सकता है, जिसने बार-बार बंगाल के प्रतीकों का अपमान किया है। ममता की पार्टी ने आगे कहा कि 13 मई को बहरामपुर की जनता इस धोखे का करारा जवाब देगी।

अभिषेक बनर्जी ने बोला हमला

जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने इस वीडियो को छेड़छाड़ करके वायरल किया गया करार दिया और चुनाव आयोग से शिकायत की है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने इस मामले में अधीर रंजन चौधरी पर हमला बोला है। अभिषेक ने अधीर को भाजपा का एजेंट बताया और कहा है कि हम बंगाल में गठबंधन चाहते थे लेकिन भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए अधीर रंजन ने ऐसा होने नहीं दिया।

टीएमसी सांसद ने अधीर रंजन को घेरा

टीएमसी के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने भी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बंगाल इकाई प्रमुख चौधरी ने अपनी रैली में सार्वजनिक तौर पर लोगों से टीएमसी के बजाय भाजपा को वोट देने के लिए कहा। जहां एक ओर ममता बनर्जी पीएम मोदी और केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रही हैं, वहीं बंगाल कांग्रेस खुलेआम बीजेपी के लिए वोट मांग रही है। गोखले ने कहा कि बंगाल में टीएमसी ‘INDI’ गठबंधन की तरफ से बीजेपी से मुकाबला कर रही है। इस बीच, कांग्रेस और सीपीएम ने पीएम मोदी का वफादार सिपाही बनना पसंद किया है। यह घृणित है और बेशर्मी से परे है।

काग्रेस ने क्या कहा?

तृणमूल कांग्रेस के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने किनारा कर लिया है। कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी के वैचारिक कमिटमेंट के विरुद्ध जाना कतई स्वीकार नहीं है। उन्होंने सभी नेताओं को ऐसे किसी भी बयान से बचने की सलाह दी है।

जरायम को देनी पड़ी सफाई

इस सियासी घमासान के बीच जयराम रमेश ने रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य पश्चिम बंगाल में बीजेपी के सीटों की संख्या कम करना है। मुझे नहीं पता कि अधीर रंजन ने क्या कहा, लेकिन हमारा उद्देश्य पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सीटों को काफी कम करना है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटें जीतीं, हमें उनकी सीट की संख्या कम करनी है और यही एकमात्र लक्ष्य है। ये विधानसभा चुनाव नहीं, ये लोकसभा चुनाव है। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस, वाम दलों के साथ, ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है, टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने भी कहा है कि वे ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं। हालांकि हमारा सीट बंटवारा नहीं हो सका। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीट हैं।बता दें कि कांग्रेस और टीएमसी के बीच लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारें को लेकर समझौता नहीं हो पाया था. भले ही दोनों दल इंडिया गठबंधन में हों लेकिन दोनों दलों ने अपने अलग-अलग उम्‍मीदवार उतारे हैं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं. ममता बनर्जी कांग्रेस को राज्‍य में दो सीटें देनें को तैयार थी. हालांकि इसके लिए कांग्रेस पार्टी तैयार नहीं थी. ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाने के लिए अधीर रंजन चौधरी को जिम्‍मेदार ठहराया था.

कांग्रेस संग हमारा गठबंधन नहीं: ममता बनर्जी

जयराम रमेश ने पैचअप के चक्कर में भले ही अधीर रंजन की बातों को डाउनप्ले करने की कोशिश की, लेकिन ममता बनर्जी के तेवर शुरू से कड़े हैं. दो दिन पहले मालदा की रैली में ममता ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया था.ममता ने कहा था कि बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम के साथ हमारा गठबंधन नहीं है. सीपीएम कांग्रेस के साथ है. आप कांग्रेस और सीपीएम के लिए वोट देंगे, मतलब आप बीजेपी को वोट दे रहे हैं. कांग्रेस और सीपीएम बीजेपी की 2 आंखें हैं. वहीं, कांग्रेस और तृणमूल की इस तकरार का सीधा फायदा बंगाल में बीजेपी को हो सकता है, जो इस बार 42 में से 35 सीट जीतने का टारगेट लेकर चल रही है.

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