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भारत

दिल्ली-NCR में तीन दिनों में दूसरी बार आया भूकंप ,तीव्रता रिक्टर पर 5.6 आंकी गई

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर और यूपी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र नेपाल था. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 मापी गई है.

तीन दिनों में दूसरी बार आया भूकंप

तीन दिनों में दूसरी बार है जब भूकंप के झटके लगे हैं. शुक्रवार की रात को करीब साढ़े 11 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र नेपाल था और इसके झटके दिल्ली तक महसूस हुए थे.

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी झटके

दिल्ली-NCR में सोमवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल था। इसकी तीव्रता 5.6 आंकी गई। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी झटके महसूस किए गए।

4 नवंबर को भी रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप

4 नवंबर को भी रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 157 लोगों की मौत हुई थी। तब दिल्ली-NCR के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी झटके महसूस किए गए थे। हालांकि भारत में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।

2015 में आए भूकंप से काठमांडू 10 फीट तक खिसक गया था

नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी बिगाड़ दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के टैक्टोनिक एक्सपर्ट जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू के नीचे की जमीन तीन मीटर यानी करीब 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई। हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बमों जितना शक्तिशाली था।

157 लोगों की चली गई जान

शुक्रवार को आए इस भूकंप में 157 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए. नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप आया था. उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22 हजार से अधिक लोग घायल हो गए थे.

भूकंप क्यों आता है?

हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भूकंप आने पर क्या करें?

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भूकंप को लेकर अलर्ट जारी करता रहा है. इसके मुताबिक, झटके लगने पर घबराएं नहीं, शांत रहें और टेबल के नीचे जाएं. एक हाथ से सिर को ढकें और झटके समाप्त होने तक टेबल को पकड़े रहें.

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