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आखिर एक हफ्ते में सिर्फ 7 दिन ही क्यों होते हैं- जाने


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नई दिल्ली – ये तो आप जानते हैं कि हफ्ते में 7 दिन होते हैं और एक महीने में करीब चार हफ्ते आते हैं. यह लंबे वक्त से चला आ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये कैसे तय हुआ है. ये किस आधार पर तय हुआ कि एक हफ्ते में 7 दिन ही होंगे और किसके द्वारा यह तय किया गया. हर रोज आप हफ्ते की प्लानिंग तो करते हैं, लेकिन जान लीजिए कि आखिर ये हफ्ते में सात दिन का कंसेप्ट कहां से आया है?

उन्होंने सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति की चालों के आधार पर इसका अवलोकन किया और चंद्रमा के 28 दिन की परिक्रमा के आधार पर 7 दिन के चार हफ्ते बनाए. इस वक्त अन्य सभ्यताएं जैसे मिस्र, रोमन आदि आठ या दस दिन का हफ्ता मान रही थी. इसके साथ ही वे हमेशा सप्ताह के आखिरी दिन को पूजा-पाठ के लिए रखते थे और 6 दिन में काम करते थे. अगर भारत की बात करें तो सिकंदर ने भारत तक पूरे पूर्व में ग्रीक संस्कृति का प्रसार करना शुरू किया, तो सात-दिवसीय सप्ताह की अवधारणा भी फैल गई. माना जाता ​​है कि शायद भारत के बाद में चीन ने सात दिवसीय सप्ताह की शुरुआत की.

पहले एक साल में सिर्फ 10 ही महीने होते थे और साल की शुरुआत मार्च से होती थी. वहीं, अभी की तरह साल का आखिरी महीना दिसंबर ही था और दिसंबर के बाद मार्च आता था. हालांकि, बाद में जनवरी और फरवरी महीने जोड़े गए. साल 153 BC में जनवरी की शुरुआत हुई थी, लेकिन इससे पहले 1 मार्च साल का पहला दिन होता था. पहले सितंबर 7, अक्टूबर 8 और नवंबर 9 नंबर आता था, लेकिन अब ये दो स्थान आगे बढ़ गए हैं. आप इनके नाम से भी समझ सकते हैं कि यह किस किस नंबर पर आते थे.

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