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लाइफस्टाइल

जानिये पॉर्न और वास्तविक सेक्स में क्या होता है अंतर


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मुंबई – सेक्स किसी भी व्यक्ति की सबसे बुनियादी जरूरत है। सेक्स खुशहाल वैवाहिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज के समय में ज्यादातर लोगों का पॉर्न फिल्म के लिए एक्सिस बढ़ गया है, जिसकी बड़ी वजह इंटरनेट की उपलब्धता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या पॉर्न का असर आपके सेक्स जीवन पर भी पड़ता है? अक्सर लोग पोर्न मूवीज देखकर अपने रियल लाइफ में भी वैसा ही करने की सोचने लगते है, जबकि शायद आपको यह पता नहीं कि यह सरासर गलत है क्योंकि ये फ़िल्में सिर्फ आपको उत्तेजित करने और मनोरंजन के लिए बनाई जाती है।

पॉर्न को देखने के बाद व्यक्ति एक कल्पना में जीने लगता है। लोग पॉर्न को रियल सेक्स समझने लगते हैं और फिर अपने बिस्तर पर उसे करने को कोशिश भी करते हैं। ये चीज सेक्शुअल लाइफ को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रही है। सेक्स एजुकेशन में कमी और इस टॉपिक पर कम बात होने के कारण, लोग पॉर्न से ही सेक्स एक्सपीरियंस की समझ लेने लगते है और पहली बार सेक्स में इसी का इस्तेमाल करते है, जबकि सच ये है कि रियल सेक्स पॉर्न फिल्म में दिखाए जाने वाले सेक्स से बहुत अलग होता है। अगर आप पोर्न में दिखाए गये तरीकों को अपनाते है तो इससे आप अपनी सेक्स लाइफ ख़राब कर सकते है। हम यहाँ पोर्न में दिखाए गये सेक्स और रियल लाइफ सेक्स में कितना अंतर होता है उस बारे में बता रहे है।

पोर्न मूवीज में हमेशा दिखाया जाता है कि लड़कियां सेक्स के दौरान ही आर्गेज्म पा लेती है। जबकि सच्चाई यह है कि बहुत कम महिलायें ऐसी होती है जो सेक्स के दौरान आर्गेज्म पाती है। क्योंकि आर्गेज्म क्लाइटोरिस के उत्तेजित होने से मिलता है लेकिन सिर्फ सेक्स करने से क्लाइटोरिस जल्दी उत्तेजित नहीं हो पाता है। हर आदमी के पास नौ इंच का लिंग नहीं होता है और ये ही सच है। आमतौर पर पुरुषों के लिंग का आकार इससे छोटा होता है और इरेक्ट होने पर वो 5-6 इंच का होता है। ऐसे में पॉर्न में दिखाए जाने वाले दृश्य काल्पनिक संसार जैसे है। इसे वास्तविकता या फिर नॉर्मल मानकर खुद की तुलना न करें, नहीं तो सेक्शुअल लाइफ में कभी भी संतुष्ट नहीं हो सकेंगे।

असल जिंदगी में महिलाएं लिंग के आकार की ज्यादा परवाह नहीं करती है। वह कभी ऐसा नहीं सोचती की उनके पार्टनर का लिंग 9 इंच का ही होना चाहिए। महिलाएं बस ये चाहती है कि उनका पार्टनर सेक्स में बेहतर हो और वह संबंध बनाने के दौरान सहज व खुश महसूस करें। पोर्न में दिखाया जाता है कि कोई कोई पुरुष घंटों तक सेक्स कर रहे है फिर भी स्खलित नहीं हो रहे है। ध्यान रखिये ये सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए है वास्तविक जीवन में एक पुरुष औसतन तीन मिनट तक सेक्स करता है जो कि सामान्य है। इसलिये पोर्न देखकर ये न सोचे कि आप शीघ्रपतन के शिकार हैं।

वयस्क फिल्मी सितारे भी वैसे नहीं दिखते जैसे आप उनसे वास्तविक जीवन में देखने की उम्मीद करते है। जैसा की आप जानते है कि कोई व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है। ऐसे में अगर आप सोचते हैं कि महिलाएं पॉर्न स्टार की तरह दिखेंगी तो ये सच नहीं है। अधिकतर पॉर्न स्टार अपने बेहतर फिगर के लिए बहुत मेहनत करती है और सर्जरी तक का सहारा लेती है। फिल्मों में ऐसा दिखाया जाता है कि पुरुष जैसे ही किसी महिला के सामने आता है या उसके सामने अपने कपड़े उतारता है वैसे ही तुरंत महिला पूरी तरह उत्तेजित हो जाती है। जबकि यह पूरी तरह गलत है, सच्चाई यह है कि किसी भी महिला को उत्तेजित होने में कम से कम 10-12 मिनट का समय लगता है। इसलिए पोर्न देखकर यह ग़लतफ़हमी न पालें की आपके छूते ही महिला पूरी उत्तेजित हो जायेगी।

सेक्स में वास्तविक जुनून शामिल होता है और ये केवल उत्तेजना में कराहने के बारे में नहीं है। इसमें दो लोगों की भावनाएं शामिल होती है, जो अपने रिश्ते को आगे बढ़ा रहे होते है। पॉर्न में सेक्शुअल इंटरकोर्स के साथ इमोशन्स को जोड़कर नहीं दिखाया जाता बल्कि इसमें लस्ट ज्यादा होता है, जो सिर्फ शारीरिक संतुष्टि के लिहाज से शूट किया गया होता है। पोर्न में दिखाए गये अधिकांश सेक्स पोजीशन देखने में तो बहुत रोचक लगते है लेकिन जब आप इन्हें रियल लाइफ में अपनाने चलेंगे तब आपको एहसास होगा की यह तभी संभव है जब दोनों पार्टनर प्रोफेशनल जिमनास्ट हों। वैसे भी इन मूवीज में दिखाए गये अधिकतर पोजीशन को करने में बहुत ज्यादा दर्द भी हो सकता है। इसलिए इनकी कॉपी न करें बल्कि आप इनकी बजाय कामसूत्र में बताये हुए पोजीशन को अपनाएं।

पोर्न मूवीज में दिखाया जाता है कि महिला किसी अजनबी पुरुष से मिलती है और थोड़े ही देर बाद उसके साथ सुहागरात मनाने लगती है या तुरंत सेक्स के लिए तैयार हो जाती है। ऐसा वास्तविक जीवन में बिल्कुल भी नहीं होता है। अधिकतर महिलायें सेक्स करने से पहले कम से कम अपने पार्टनर से कुछ बात तो ज़रूर करना चाहती है। पॉर्न फिल्मों में ज्यादातर महिलाएं पुरुषों का मार्गदर्शन करेंगी कि वे बिस्तर में क्या चाहती है। अधिकांश पुरुष पूछेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए। पॉर्न में, चादरों (या सोफे पर या पूल में) के बीच जो होता है वो कोरियोग्राफ किया जाता है। असल जिंदगी में इतना संचार नहीं होता है, क्योंकि उस दौरान कपल शारीरिक व भावनात्मक रूप से एक हो रहा होता है।

ऐसा सिर्फ पोर्न मूवीज में ही संभव है कि एक महिला एक ही समय में 2 पुरुषों के साथ सेक्स कर रही है या एक पुरुष एक साथ दो महिलाओं के साथ सेक्स कर रहा है। ये सिर्फ आपकी फैंटेसी में ही संभव है रियल लाइफ में ऐसा होना बहुत ही मुश्किल है।

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