थायराइड से छुटकारा पाना है तो खाएं ये 8 चीजें
नई दिल्ली – दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो थायरॉइड (Thyroid) की समस्या से परेशान है. आज 10 में से 4 लोग थायराइड की समस्या से ग्रस्त हैं. थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर होती है. थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है. यह समस्या महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है.
थायराइड से छुटकारा पाना है तो खाएं ये 8 चीजें –
– एलोवेरा और आंवला का जूस सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। अगर आप थायराइड की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट एलोवेरा और आंवला जूस का सेवन करे।
– लौकी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन-बी व मिनरल्स पाए जाते हैं। यह थायराइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर है। सर्दियों के मौसम में रोजाना सुबह लौकी का सूप पिएं।
– अश्वगंधा में थायराइड ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन्स को संतुलित करने का गुण है। एंटीऑक्सीडेंट से भरा अश्वगंधा ग्रंथी को सही मात्रा में हार्मोन उत्पादन करने में मदद करता है। हार्मोन संतुलन के साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
– हरण, बहेड़ा, आंवला को समान मात्रा में लेकर इमामदस्ता में कूट लें। तो त्रिफला बनकर तैयार हो जाएगा। त्रिफला का रोजाना सेवन करने से भी आपको लाभ मिलेगा।
– गेहूं का ज्वारा, ब्लड और ब्लड रिलेटेड रोगों के साथ ही थायराइड हार्मोन पर भी बहुत इफेक्टिव है। गेहूं के ज्वारे को रोज अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
– अदरक में कई जादुई गुण है जो थायराइड को बढ़ने नहीं देता जैसे मैग्नीशियम और पोटेशियम आदि। अदरक के अन्दर कई लाभकारी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जो थायराइड की बीमारी को बढ़ने नहीं देते है।
– शहद और ऑवला का सेवन करने से 10 से 15 दिनों में इसका असर दिखने लगता है। इसके अलावा यह शरीर के मोटापे को भी रोकता है। सुबह खाली पेट आप शहद और ऑवले का मिश्रण कर, इसे 5 से 10 ग्राम के बीच सेवन करें और रात को दो घंटे के बाद फिर से दोहराएं।
– थाइरोइड की बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी करना फायदेमंद होता है। इसके लिए एक से दो चम्मच नारियल तेल गुनगुना करके दूध के साथ खाली पेट सुबह शाम सेवन करने से लाभ होता है।
थायरॉइड (Thyroid Symptoms) के लक्षण
-घबराहट
-चिड़चिड़ापन
-अधिक पसीना आना.
-हाथों का काँपना.
-बालों का पतला होना एवं झड़ना.
-अनिद्रा
-मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना.
-दिल की धड़कन बढ़ना.
-बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है.
-महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता।