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दुनिया के बड़े -बड़े होटलों में क्यों नहीं होते रूम नंबर -13 ?


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नई दिल्ली – दुनिया में कई ऐसे होटल हैं जो अपने यहां 12वीं मंजिल के बाद वाले फ्लोर को 13 अंक देने से कतराते हैं. यही नहीं, आपको होटल की लिफ्ट में भी 12 के बाद 13 अंक नहीं नजर आता है. क्या कभी आपने सोचा है कि इसके पीछे का कारण क्या है (Why You’ll Never See the 13th Floor of a Hotel)?

लॉजिकली देखें तो 12 मंजिल की इमारत से असल में 13वीं मंजिल गायब नहीं हो सकती है. फ्लोर्स को काउंट करने पर 13वीं मंजिल तो नजर आती ही है पर उसका नाम बदल देते हैं. कई फ्लोर्स को 12 के बाद 12ए या फिर 14ए नाम दे दिया जाता है. जबकि कई जगहों पर तो 12 के बाद सीधे 14 अंक दे दिया जाता है. भारत के कई होटल्स में भी आजकल ये ट्रेंड देखने को मिलता है.

इस रहस्य का जवाब एक शब्द में देना हो तो इसका उत्तर होगा, डर! जी हां, होटल मालिकों के अंदर डर होता है जिसके कारण वो होटलों में 13वीं मंजिल नहीं रखते. इस डर को कहते हैं ट्रिस्कायडेकाफोबिया (triskaidekaphobia). इस फोबिया का अर्थ है 13 नंबर (Fear of Number 13) का डर. दुनिया के बहुत से देशों में 13 अंक को अनलकी माना जाता है. कई जगहों पर तो इस भूतों और प्रेतों से भी जोड़ा जाता है.

जो लोग ट्रिस्कायडेकाफोबिया से ग्रसित होते हैं उन्हें 13 नंबर देखकर डर लगने लगता है. उनकी एंग्जाइटी बढ़ जाती है और उन्हें पसीना आने लगता है. कई लोग तो ये भी दावा करते हैं कि 13 अंक देखते ही उनकी दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं. इसलिए होटल मालिक अपने होटलों से 13 अंक हटाने के लिए 13वीं मंजिल को स्किप कर देते हैं. साथ ही लिफ्ट से भी 13 अंक हटाना पड़ता है नहीं तो लोगों को लिफ्ट में डर लगने लगता है.

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