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भारी बारिश और बाढ़ से केरल का बुरा हाल, सियासी माहौल जारी


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तिरुवंतपुरम – केरल में शनिवार को हुई भारी बारिश और भूस्खलन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और करीब 12 लोग लापता हो गए। कोट्टायम, इडुक्की और पठानमथिट्टा जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन हुआ जिसके कारण अधिकारियों को बचाव कार्यों के लिए रक्षा बलों की 11 टीमों को तैनात किया गया है।

इस घटना के बाद केरल में सियासी जंग शुरू हो गयी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने केरल के पहाड़ी क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की लगातार घटनाओं के लिए ‘पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट’ लागू ना करने को जिम्मेदार ठहराया है। हालही में सोनिआ गाँधी की पार्टी कांग्रेस के नेता रमेश ने केरल के कोट्टायम और इडुक्की जिलों के पहाड़ी इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई तबाही के एक दिन बाद इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा की केरल में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है, माधव गाडगिल की 2011 की ‘पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति’ की रिपोर्ट को याद किया जाता है. एक दशक बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है, खासकर 2018 और 2020 में विनाशकारी बाढ़ के बावजूद।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल में आई बाढ़ को लेकर दुनिया के सबसे बड़े जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में से एक, पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए गाडगिल समिति की रिपोर्ट को लागू करने की आवश्यकता जताई। रमेश का बयान भी इस घटना के बाद आया है। आपको बता दे की पारिस्थितिकीविद् माधव गाडगिल की अध्यक्षता वाली पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति को गाडगिल आयोग के रूप में भी जाना जाता है। यह 2010 में रमेश द्वारा नियुक्त एक पर्यावरण अनुसंधान आयोग था, जब वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री थे।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को कहा कि राज्य में हो रही जोरदार बारिश को देखते हुए बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में पानी का स्तर बढ़ने के कारण नौ बांधों के लिए रेड अलर्ट और पांच पांच बांधों के लिए ऑरेंज तथा ब्लू अलर्ट जारी किया गया है। पठानमथिट्टा के कक्की बांध, त्रिशूर जिले के शोलायर और पेरिंगलकुथु और पीची बांधों, इडुक्की जिले के कुंडला, कल्लारकुट्टी, मट्टुपेट्टी और कल्लर बांधों और पलक्कड़ जिले के चुलियार बांध में रेड अलर्ट जारी किया गया है।

इस आयोग ने 31 अगस्त, 2011 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसमें उसने पश्चिमी घाट के 64 प्रतिशत क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की सिफारिश की थी। बाद में 2012 में, मंत्रालय ने गाडगिल समिति की रिपोर्ट की जांच के लिए भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में पश्चिमी घाट पर एक कार्यदल का गठन किया था।

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