वाशिंगटन – भारत बॉयोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर जल्द ही WHO की और से बड़ी खबर सामने आ सकती है। कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस हफ्ते आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे सकती है। इस बात को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन में मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात की। जिसका सकारात्मक परिणाम जल्द ही आ सकता है।
भारत बायोटेक पिछले कुछ समय से आपातकालीन उपयोग के लिए कोवैक्सिन शॉट के प्राधिकरण की प्रतीक्षा कर रहा है। आपको बता दे की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के COVID19 वैक्सीन Covaxin के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण को अगले सप्ताह तक बढ़ा दिया है। इसी सप्ताह हैदराबाद की वैक्सीन मैन्युफैक्चरर कंपनी Bharat Biotech की कोवैक्सीन को एप्रुवल मिल सकता है। WHO ने भारत बायोटेक की ईओआई (EOI) यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार किया था। भारतीय कंपनी बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को भारत सरकार ने बहुत पहले ही इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे रखी है। 9 जुलाई को, भारत बायोटेक ने अपने COVID19 वैक्सीन के लिए WHO की मंजूरी के लिए आवश्यक डेटा प्रस्तुत किया था।
WHO ने इस बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया “WHO और विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र समूह की अगले सप्ताह बैठक होने वाली है ताकि जोखिम/लाभ का आकलन किया जा सके और अंतिम निर्णय लिया जा सके कि कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग सूची दी जाए या नहीं। विशेषज्ञ वर्तमान में इस जानकारी की समीक्षा कर रहे हैं और यदि यह उठाए गए सभी सवालों का समाधान करता है, तो डब्ल्यूएचओ के आकलन को अगले सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा।”
Covaxin को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के लिए भारत का पहला वैक्सीन जिसे भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया गया था। जिसे फ़िलहाल SARS-CoV-2 स्ट्रेन को NIV, पुणे में अलग किया गया और भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया गया। इस वैक्सीन का विकास और निर्माण जीनोम वैली, हैदराबाद में स्थित कंपनी के बायो-सेफ्टी लेवल 3 (BSL-3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में किया गया था। पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया और जीका के लिए कई टीकों में वेरो सेल कल्चर प्लेटफॉर्म प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में भारत बायोटेक का ट्रैक रिकॉर्ड साबित हुआ है।
WHO ने आज तक फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना और सिनोफार्म द्वारा COVID-19 टीकों को मंजूरी दी है। भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने के बाद भी WHO ने अभी तक कोवैक्सीन को अपनी इमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल नहीं किया है। WHO द्वारा इसकी लिस्टिंग नहीं किए जाने की वजह से अभी भी दुनिया के देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वाले भारतीयों को विदेश यात्रा की छूट नहीं दे रखी है। WHO अगर इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल करते हुए एप्रुवल दे देता है तो भारतीय जो इस वैक्सीन का इस्तेमाल कर लिए हैं या करने वाले हैं, वह विदेश यात्रा बिना किसी रोकटोक के कर सकते है। साथ ही इस वैक्सीन का अन्य देश भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारत अपने टीकाकरण अभियान में COVID19 के खिलाफ तीन टीकों का उपयोग कर रहा है। इनमें दो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सिन शामिल है। रूसी स्पुतनिक वी तीसरा टीका है जिसे आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिली है। आपको बता दे की पुरे भारत में बड़े पैमाने पर 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में, नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर COVID19 (NEGVAC) ने स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और फ्रंट लाइन वर्कर्स (सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों) को प्राथमिकता दी।
जबकि टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण 1 मार्च, 2021 से शुरू हुआ, जिसमें सबसे कमजोर आयु समूहों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन प्राथमिकता वाले आयु समूहों में 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति और संबंधित निर्दिष्ट सह-रुग्णता वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति शामिल थे। 1 अप्रैल, 2021 को 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए इसमें और ढील दी गई।