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Breaking: जंगली बाघ के लिए शिकार का वन विभाग के अधिकारी द्वारा जारी किया गया आदेश

चेन्नई – हालही में तमिलनाडु के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व से एक बड़ी खबर सामने आयी। पुरे भारत में सबसे ज्यादा टाइगर रेसवे मध्यप्रदेश में है। उसके बाद तमिलनाडु का क्रमांक आता है। तमिलनाडु में सर्वोच्च वन विभाग के अधिकारी ने एक जंगली बाघ के लिए शिकार का आदेश जारी किया है। ये खबर सुनकर हर कोई काफी हैरान है की ऐसा क्या हुआ है की बाघ को पकड़ने की बजह उसका शिकार करने के आदेश दिए गए।

अधिकारियो से मिली जानकारी के मुताबिक मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (एमटीआर) में दो लोगों और पशुओं की मौत हो गई थी। इस शिकारी ने 24 सितंबर को एक व्यक्ति को मार डाला था, जिसके बाद उसे ट्रैक करने, शांत करने और पकड़ने के प्रयास चल रहे थे। इलाके, खराब मौसम और स्थानीय आबादी द्वारा गड़बड़ी के कारण कब्जा करने का अभियान अब तक सफल नहीं रहा है। बाघ ने पशुओं का शिकार करना जारी रखा और शुक्रवार को एक अन्य व्यक्ति को भी मार डाला। बाघ ने इंसानों को भस्म नहीं किया कि मारने के लिए ऐसा हुआ।

आपको बता दे की नीय लोगों की मांगों और क्षेत्र के अधिकारियों की रिपोर्ट के कारण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन डॉ शेखर कुमार नीरज ने ‘शिकार आदेश’ जारी किया। यह आदेश एमटीआर के अधिकारियों को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11 (1) (ए) के तहत बाघ ‘एमडीटी 23’ का शिकार करने का अधिकार देता है। केरल वन टीमों, स्पेशल टास्क फोर्स की सहायता से चलाए जा रहे इस पूरे ऑपरेशन की तस्वीरें और वीडियोग्राफी और दस्तावेजीकरण किया जाएगा। बाघ को विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा एक चिकित्सा जांच से गुजरना होगा, जिसके बाद इसे चिड़ियाघर में ले जाने और या इसी तरह के विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।

पशुधन और अन्य बंदी शिकार का शिकार करने वाले वयस्क नर बाघ बहुत दुर्लभ है, यह देखते हुए कि उनके पास पारिस्थितिक रूप से समृद्ध नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व के विशाल विस्तार में पर्याप्त जंगली शिकार है, जहां एमटीआर स्थित है। एक बार कब्जा सफल होने के बाद अधिकारी इसके पीछे के कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे है।

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