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इज़राइल के साथ व्यापार संबंध से मुक्त हुआ बहरीन,अमेरिका को लगा बड़ा झटका


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नई दिल्लीः गाज़ा पर हो रहे हमलों के विरोध में बहरीन ने इजराइल से अपने एम्बेसडर को वापस बुला लिया है. बहरीन की संसद के बयान के मुताबिक ‘बहरीन अपने एम्बेसडर को इजराइल से वापस बुला रहा है और इजराइली एम्बेसडर ईटन नाएह देश छोड़ रहे हैं. बहरीन ने इजराइल के साथ अपने आर्थिक रिश्ते भी रोक दिए है.’ अगस्त 2020 में ही बहरीन और इजराइल ने एक डील के तहत रिश्ते बहाल किए थे.

अमेरिका ने कराया था समझोता

पिछले कुछ सालों में, बहरीन, सूडान, मोरक्को और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अरब देश इज़राइल के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने और आर्थिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए आगे बढ़े हैं. रिश्ते सामन्य अमेरिका द्वारा कराई गई पीस डील (अब्राहम समझोते) के बाद हुए थे. अमेरिका के जरिए कराई गई इस डील को इलाके में शांति बनाने की ओर बड़ा कदम बताया गया था, लेकिन गाज़ा पर बढ़ते इजराइली हमलों के बाद से इजराइल के साथ कई देश अपने रिश्तें तोड़ चुके हैं. आलोचकों का कहना है कि फिलिस्तीनी इलाकों पर दशकों से चले आ रहे कब्जे को सुलझाए बिना इजरायल के साथ रिश्ते बना कर ये देश इजराइल को ज्यादा फाएदा उठाने और फिलिस्तीनियों के साथ बिना किसी डर से जुल्म करने की इजाजत दे रहे हैं.

इजरायली राजदूत ने बहरीन छोड़ दिया

बहरीन की संसद के निचले सदन ने गुरुवार को इजरायल के साथ आर्थिक संबंधों को रोकने और इजरायल-हमास युद्ध पर दोनों पक्षों के राजदूतों की वापसी की घोषणा की, हालांकि इसकी कोई सरकारी पुष्टि नहीं हुई।इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे बहरीन द्वारा किसी भी निर्णय के बारे में सूचित नहीं किया गया है। यदि इसकी पुष्टि हो जाती है, तो यह इज़राइल के खाड़ी अरब सहयोगियों में से किसी एक द्वारा इस तरह का पहला कदम होगा।एक बयान में कहा गया, “प्रतिनिधि परिषद पुष्टि करती है कि बहरीन साम्राज्य में इजरायली राजदूत ने बहरीन छोड़ दिया है, और बहरीन साम्राज्य ने इजरायल से बहरीन राजदूत को देश में वापस लौटने का फैसला किया है।”

इजराइल ने कहा रिश्तें कायम है

बहरीन संसद के बयान के बाद इजराइल ने भी प्रतिक्रिया दी है. इज़राइल ने कहा है कि उसे ऐसी कोई सूचना बहरीन सरकार की ओर से नहीं मिली है, और उन्होंने कहा कि बहरीन के साथ उसके संबंध “स्थिर” हैं. बता दें बहरीन सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में यह साफ नहीं किया गया कि उन्होंने इजरायली राजदूत को निष्कासित किया है या नहीं, और ना ही सरकारी बयान से यह साफ होता है कि देश ने इजराइल के साथ आर्थिक रिश्ते तोड़ दिए गए हैं, जैसा कि संसद ने पहले कहा था. सरकारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच उड़ानें कई हफ्तों के लिए निलंबित कर दी गई हैं.

इजरायल के साथ आर्थिक संबंध भी रोक दिए गए

इज़रायली बमबारी में घायल फ़िलिस्तीनी बच्चे को गाजा पट्टी के दक्षिण में दीर अल बलाह के एक अस्पताल में लाया गया है।इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे बहरीन द्वारा किसी भी निर्णय के बारे में सूचित नहीं किया गया है। यदि इसकी पुष्टि हो जाती है, तो यह इज़राइल के खाड़ी अरब सहयोगियों में से किसी एक द्वारा इस तरह का पहला कदम होगा।निचले सदन, जिसके पास कार्यकारी शक्तियां नहीं हैं, के बयान में कहा गया है, “इजरायल के साथ आर्थिक संबंध भी रोक दिए गए हैं।”इसमें कहा गया है कि यह कदम “फिलिस्तीनी मुद्दे और भाईचारे वाले फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों के समर्थन में” है।संसद के पहले डिप्टी स्पीकर अब्दुलनबी सलमान ने एएफपी को फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, “गाजा में चल रहा संघर्ष चुप्पी बर्दाश्त नहीं कर सकता”।

हमास के हमले से अमेरिका की मंशा को लगा झटका

राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने मिडिल ईस्ट में अमेरिकी गतिविधियों को तेज किया था. मसलन खाड़ी के सबसे बड़े मुल्क सऊदी अरब और इजराइल के बीच शांति समझौते पर बात लगभग पूरी कर ली थी. इसके लिए अमेरिका ने अब्राहम समझौता तैयार किया है, जिसके तहत यूनाइटेड अरब अमीरात, बहरीन, जॉर्डन और मिस्र ने इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य किया. सऊदी अरब भी इसी रास्ते पर इजराइल के साथ शांति कायम करना चाह रहा था. हालांकि, हमास के इजराइल पर हमले ने पूरा खेल बिगाड़ दिया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद को फिलिस्तीन में कुछ खास दिलचस्पी नहीं है.

बहरीन और इज़राइल ने अब्राहम समझौते के हिस्से के रूप में राजनयिक संबंध स्थापित किए

बहरीन और इज़राइल ने अमेरिका की मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते के हिस्से के रूप में 2020 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। समझौते के तहत, इज़राइल ने संयुक्त अरब अमीरात और मोरक्को के साथ भी संबंध स्थापित किए।इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि बहरीन सरकार और इजराइल सरकार की ओर से इन देशों के राजदूतों की वापसी के संबंध में कोई घोषणा या निर्णय नहीं मिला है।”इसमें कहा गया, “इजरायल और बहरीन के बीच संबंध स्थिर हैं।”बहरीन, जिसने 2011 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई की थी, ने हाल के हफ्तों में इज़राइल के प्रतिशोधी हमलों की निंदा करते हुए कई प्रदर्शन देखे हैं।हाल ही में सितंबर में, इज़राइल के नए दूतावास का उद्घाटन करने के लिए इज़राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन की मनामा यात्रा के दौरान बहरीन और इज़राइल ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की थी।

हमास -इज़राइल युद्ध

इजरायली अधिकारियों के अनुसार, देश के इतिहाहमास -इज़राइल युद्धस में सबसे घातक हमले में हमास के आतंकवादियों द्वारा 1,400 लोगों की हत्या करने और 230 से अधिक लोगों का अपहरण करने के लगभग एक महीने बाद यह कदम उठाया गया है।तब से, इज़राइल ने गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी की है और हमले में जमीनी सेना भेजी है, जिसमें हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 8,700 लोग मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं।

अमेरिका की खामोशी, उसके लिए ही बन सकती ही मुसीबत

इजराइल-हमास के बीच पहले भी कई जंगें लड़ी गई है लेकिन अमेरिका पहली बार है जब इस स्तर पर इजराइल को मदद कर रहा है. जिस तरह से इजराइली बमबारी में तीन हजार से भी ज्यादा बच्चों की मौत हुई, लाखों की संख्या में लोग बेघर हुए, आम लोगों पर बमबारी और इसपर अमेरिका की खामोशी, उसके लिए ही नुकसानदेह साबित हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और ‘युद्ध अपराध’ जैसे मुद्दों पर, जहां अमेरिका मुखर रहता है, इजराइल पर उसकी चुप्पी – उसकी ही प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रही है. दूसरी तरफ चीन-रूस ने भी भूमध्यसागर में अपनी गतिविधियां बढ़ाकर अमेरिका को चुनौती देने का प्लान बना लिया है.

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