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विश्व

आज के दिन ही बना था इजरायल स्थापना के अगले दिन 5 मुस्लिम देशों ने बोला था हमला


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नई दिल्ली – आज इजरायल का जन्मदिन है, इजरायल अब 76 साल का हो गया है. 1948 में 14 मई को यहूदी डेविड बेन-गुरियन ने इजरायल की स्थापना की थी. उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने नए राष्ट्र के तौर पर.

250 को हमास के लड़ाके बंधक बनाकर गाजा ले गए

इसमें इजरायल के 1200 लोग मारे गए थे और 250 को हमास के लड़ाके बंधक बनाकर गाजा ले गए थे.इस हमले पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इजरायल की सेना ने गाजा पर हमला बोल दिया था.इसके बाद से लगातार इजरायल के हमले जारी हैं, जिससे ये इलाका बुरी तरह से तबाह हुआ है.इजरायल के हमलों में गाजा में 33 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. गाजा में जंग से एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जिसकी दुनियाभर में आलोचना भी हो रही है. दोनों पक्षों के बीच कई बार युद्ध विराम पर बात हुई लेकिन मामला अटक गया. दोनों पक्षों में क्यों मामला अटक जाता है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कैसे मुस्लिम मुल्कों की दुनिया के बीच ये यहूदी देश अस्तित्व में आया.क्यों आज भी कई देश इजरायल को मान्यता नहीं देते और ये विवाद क्या है.

स्वतंत्र राज्य इस्राएल की स्थापना

14 मई 1948 को डाविड बेन गुरियॉन ने मध्य पूर्व में स्वतंत्र राज्य इस्राएल की स्थापना की घोषणा की. वे यहूदियों के इस नए देश के पहले प्रधानमंत्री भी बने. अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने और सोवियत नेता स्टालिन ने फौरन नए राष्ट्र को मान्यता देने की घोषणा की.इस्राएल की स्थापना की नींव संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव के साथ पक्की हो गई थी जिसमें फलीस्तीनी इलाके के विभाजन और वहां यहूदी और अरब राष्ट्र बनाने की बात थी. इस प्रस्ताव में ब्रिटेन से पहली फरवरी 1948 से यहूदियों को उस इलाके में आने देने की अपील भी की गई थी. इस प्रस्ताव से तनाव बढ़ गया और गृहयुद्ध शुरू हो गया, जिसका अंत इस्राएल की स्थापना और लाखों फलीस्तीनियों के विस्थापन के साथ हुआ.

संयुक्त राष्ट्र की योजना को मानने से इंकार

हालांकि अरब लीग ने संयुक्त राष्ट्र की योजना को मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद अरब देशों की सेना फलीस्तीनी इलाकों में घुस गई. अरबों और इस्रायलियों के बीच युद्ध शुरू हुआ. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान में जर्मनी में यहूदियों के नरसंहार में बचे लोग और युद्ध में शामिल रहे पूर्व सैनिक भी इस्राएल आए. शुरुआत में इजरायल की सेना हार गई लेकिन फिर तस्वीर बदलने लगी. जल्द ही इजरायल ने अरबों को अपने इलाके से बाहर कर दिया. साथ ही कुछ अरब इलाके भी जीत लिए. नवंबर के अंत में सीरिया और लेबनान के साथ उसका संघर्ष विराम हुआ. 1949 में इजरायल ने लड़ाई के खात्मे के लिए पड़ोसी अरब देशों मिस्र, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान के साथ संधि की.

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