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SCO Summit से पहले चीन से बोला भारत- लद्दाख में सेना को पीछे हटाए, भारत को तीसरे देश की निगाह से न देखें


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नई दिल्ली – भारत आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) की 21वीं बैठक में शामिल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे (Dushanbe) में आज आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) की वार्षिक शिखर बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगे। इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और सम्पर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।

इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी से साफ तौर पर कहा कि चीन को भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में प्रगति शांति बहाली के लिए आवश्यक है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी (China Foreign Minister Wang Yi) से कहा कि पूर्वी लद्दाख (Line of Actual Control) में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में प्रगति शांति बहाली के लिए आवश्यक है और यह संपूर्ण (द्विपक्षीय)संबंध के विकास का आधार भी है। इसलिए, सेना को तेजी से पीछे हटाने की जरूरत है। जयशंकर और वांग ने दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन से इतर मुलाकात की और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आपस में विचारों का आदान प्रदान किया।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘चीन के विदेश मंत्री से दुशांबे में एससीओ की बैठक (SCO summit) से इतर मुलाकात हुई। अपने सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर चर्चा की और यह रेखांकित किया कि शांति बहाली के लिए यह बेहद जरूरी है और यह द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का आधार है।’ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक घटनाओं को लेकर बातचीत की। बैठक के बाद जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सभ्यताओं के टकराव संबंधी किसी भी सिद्धांत पर नहीं चलता है।

जयशंकर ने कहा, ‘यह भी आवश्यक है कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखे। जहां तक एशियाई एकजुटता की बात है तो चीन और भारत को उदाहरण स्थापित करना होगा।’

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