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ITR दाखिल करने में देरी करने से करना पड़ेगा आपको 5,000 रुपये का भुगतान


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नई दिल्ली – ITR फाइल करने की समय सीमा चाहे जो भी हो, हम अक्सर भूल जाते है और किसी तरह आखिरी मिनट में सब कुछ मैनेज कर लेते है और कभी-कभी डेडलाइन भी चूक जाते है। यह हम सभी के लिए आम बात है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा एक बार बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है। यदि आप समय पर अपना आईटीआर दाखिल करना भूल जाते है, तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। पहले यह डेडलाइन 30 सितंबर तक की दी गयी थी।

पिछले साल तक देर से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माना 10,000 रुपये था, लेकिन इस साल इसे घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है। अगर किसी व्यक्ति ने अगस्त-दिसंबर या दिसंबर-मार्च के बीच देर से आईटीआर दाखिल किया तो उन्हें कुल 10,000 रुपये (प्रत्येक बार के लिए 5,000 रुपये) का विलंब शुल्क देना पड़ता था। लेकिन अब चालू आकलन वर्ष के लिए अधिकतम राशि बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी गई है।

आपको बता दे की यदि किसी की वार्षिक आय 5 लाख रुपये से कम है, तो उसे 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा क्योंकि 5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय पर आयकर देय नहीं है। लेकिन, आयकर अधिनियम की धारा 234A के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर 1 लाख रुपये से अधिक का कर बकाया है, तो वे हर महीने 1% के दंड के लिए उत्तरदायी होंगे। यह जुर्माना तब तक लगता रहेगा जब तक वे आईटीआर फाइल नहीं कर देते।

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