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बिजनेस

ऐप-आधारित Zomato, Swiggy के डिलीवरी खर्च में हो सकती है बढ़त

नई दिल्ली – ऐप-आधारित ऑनलाइन खाद्य वितरण सेवाओं पर अतिरिक्त माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाने के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए जीएसटी परिषद की शुक्रवार, 17 सितंबर को बैठक होने वाली है।

इस सप्ताह होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक के एजेंडे में यह प्रस्ताव है कि खाने के ऑर्डर और महंगे हो सकते है। जोमैटो और स्विगी जैसी ऐप-आधारित खाद्य वितरण सेवाओं के माध्यम से नियमित रूप से ऑर्डर करने वाले हजारों भारतीयों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है। जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने अतिरिक्त टैक्स का सुझाव दिया था। यह कदम प्रभावी होता है, तो रेस्तरां सेवा के लिए की जाने वाली सभी आपूर्ति ऑनलाइन खाद्य-वितरण कंपनियों द्वारा भुगतान की जाने वाली जीएसटी के अंतर्गत आ जाएगी।

समिति के प्रस्ताव के अनुसार, इस बारे में एक परिपत्र के माध्यम से स्पष्टता की आवश्यकता है कि क्या क्लाउड किचन / सेंट्रल किचन द्वारा डोर स्टेप या टेकअवे सेवाएं “रेस्तरां सेवा” के अंतर्गत आती है। आपको बता दे की जीएसटी काउंसिल के सामने दो विकल्प रखे गए है। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (ईसीओ) को या तो डीम्ड सप्लायर्स या एग्रीगेटर्स के रूप में अधिसूचित किया जाए। यदि परिषद “डीम्ड सप्लायर्स” के विकल्प के साथ जाती है, तो ईसीओ को दो श्रेणियों के तहत अधिसूचित किया जाएगा। यहां प्रस्ताव इनपुट क्रेडिट के बिना 5 प्रतिशत की कर दर और रेस्तरां से ईसीओ को इनपुट क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत, या ईसीओ से ग्राहक को सीमित इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 5 प्रतिशत है। ईसीओ को एग्रीगेटर के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव में दर बाद में तय की जाएगी।

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